डीआईजी श्रीमती पारुल माथुर का परफेक्ट एक्शन। परिवेश तिवारी के सधे हाथों में दी गई सिविल लाइन थाने की कमान। जरहाभाटा मंदिर चौक के एक अपार्टमेंट में छुपकर रहने वाले खतरनाक कॉन्ट्रैक्ट गुंडे तक पहुंची थी परिवेश की जासूसी नजर : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर ( 17 मई 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] सिविल लाइन थाने का पूर्व बदनाम सुदा टीआई सनीप रात्रे ने पूरे थाने को गुंडागर्दी का अड्डा बना दिया था कभी-कभी तो ऐसा लगता था कि खुद टी आई सनीप रात्रे गुंडों का बॉस है और वहीं से गैंग ऑपरेट कर रहा है। इनके थाने दारी के समय गुंडे पहले थाने में सेटिंग करते थे और फिर खुलेआम गुंडागर्दी को अंजाम देते थे। और पूर्व टी आई सनीप रात्रे गुंडों के ऊपर साधारण जमानती धारा लगाकर उन्हें छोड़ देते थे। सिविल लाइन थाने के इस बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने में वर्तमान टीआई जेपी गुप्ता को काफी मशक्कत करनी पड़ी। और अपने अनुभव के आधार पर श्री गुप्ता ने सिविल लाइन थाने की व्यवस्था सुधारी। अब सिविल लाइन थाने की जिम्मेदारी डीआईजी श्रीमती पारुल माथुर ने बहुत ही सोच समझकर अनुभवी परिवेश तिवारी को सौंपी है। श्री तिवारी पूर्व में भी सिविल लाइन थाने में पदस्थ थे इस कारण उन्हें सिविल लाइन क्षेत्र के विषय में बहुत कुछ मालूम है। टीआई परिवेश तिवारी जिस थाने में पदस्थ होते हैं सबसे पहले वहां की सूचना तंत्र को वे मजबूत करते हैं। अपराधियों की हर गतिविधियों की जानकारी टीआई परिवेश तिवारी के पास पहुंचती है। पूर्व में जब श्री तिवारी सिविल लाइन में पदस्थ थे तो यहां भी उन्होंने सूचना तंत्र को काफी मजबूत किया था। उसी सूचना तंत्र के माध्यम से उन्हें ज्ञात हुआ था कि जरहाभाटा मंदिर चौक के पास स्थित एक अपार्टमेंट में कुछ खतरनाक गुंडे एक फ्लैट पर कब्जा कर बैठे हैं। यह गुंडे कॉन्ट्रैक्ट पर अपराध करते हैं। और कुछ जमीन माफिया के यह रेगुलर गुंडे हैं। और उनके कहने पर शहर एवं शहर से बाहर अपराध करने के बाद मंदिर चौक के फ्लैट में आकर छुप कर बैठ जाते हैं। यह अपने साथ घातक हथियार भी रखते हैं। उसी जगह पर फ्लैट के अवैध कब्जे की सूचना पर टीआई परिवेश तिवारी वहां पहुंच चुके थे और वहां रहने वाले सभी अपराधिक तत्वों की लिस्टिंग शुरू कर दिए थे परंतु इस बीच इनका ट्रांसफर हो गया और काम बीच में रुक गया। अब पुनः परिवेश तिवारी सिविल लाइन थाने में पदस्थ हो गए और अब निश्चित तौर पर गुंडे बदमाशों की लिस्टिंग के बाद उन पर कार्यवाही सुनिश्चित है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )