सेंट्रल जेल के अंदर मारपीट की घटना असंभव। जेल की दुनिया अलग है यहां बाहर की नहीं चलती। अच्छे नंबरदार सनत, सुभाष मोहले, छोटा गोविंद एवं बड़ा गोविंद अपराधियों को अपराध से विमुख कर दिया : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर ( 20 मई 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] सेंट्रल जेल बिलासपुर खतरनाक से खतरनाक अपराधी यहां आजीवन की सजा काट रहे हैं। जेल के अंदर दो तरह के कैदी होते हैं। एक हवालाती और दूसरा सजायाफ्ता कैदी। हवलाती कैदी तो कुछ समय बाद बाहर आ जाते हैं परंतु सजायाफ्ता कैदी को काफी दिनों तक जेल में रहकर सजा काटना पड़ता है। और एक तरफ से सजायाफ्ता कैदी जेल के अंदर नंबरदार बनते हैं। और यही नंबरदार जेल की आंतरिक व्यवस्था को चलाते हैं। अभी शहर में लगातार दो मौतें हुई है और दोनों का संबंध सेंट्रल जेल बिलासपुर से है। परंतु हम आपको बता दें कि जेल की दुनिया एकदम अलग है वहां बाहर की दुनिया से कोई मतलब नहीं है यदि कोई बाहर का प्रभावशाली व्यक्ति यह बोले कि जेल के अंदर फलाने कैदी के साथ मारपीट करना है तो यह संभव नहीं है। बिलासपुर सेंट्रल जेल के अच्छे एवं काफी व्यवहारिक नंबरदार सनत, सुभाष मोहले, छोटा गोविंद एवं बड़ा गोविंद यह सभी हत्या के केस में आजीवन की सजा काट रहे हैं यह समझते हैं कि अपराध क्या चीज है ? इस कारण यह नंबरदार प्रतिदिन हावलाती कैदियों को यह समझाते हैं कि हम भी बाहर बहुत अच्छे से रहते थे परंतु क्षणिक आवेश ने हमारे हाथों हत्या करवा दी और अब हम जेल के अंदर आजीवन की सजा भुगत रहे हैं। इसीलिए आप सभी अभी से संभल जाओ जेल से बाहर जाओगे जो अपराध के तरफ मुड़कर मत देखना। जेल के अंदर इन अच्छे एवं व्यावहारिक नंबरदार के कारण कई अपराधी अपराध से विमुख हो गए हैं। इस कारण यह कहना एकदम गलत है की नंबरदार कैदियों के साथ मारपीट करते हैं। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )