पाली के युवा पत्रकार कमल महंत की फर्जी गिरफ्तारी प्रकरण। 112 की टीम सिर्फ 10 मिनट रुक कर बिना कमल महंत को लिए जाना सिद्ध किया की धारा 452 जैसे कोई घटना घटित ही नहीं हुई। एक्सपर्ट क्रिमिनल लॉयर कमल के मैटर में मिलेंगे आईजी श्री डांगी से : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ]
बिलासपुर ( 3 जून 2022 )[ तपन गोस्वामी द्वारा ] पाली के युवा पत्रकार कमल महंत की अवैधानिक गिरफ्तारी और उससे जुड़े तकनीकी पहलुओं के संबंध में शहर के प्रख्यात क्रिमिनल लॉयर रेंज के आईजी रतन लाल डांगी से मिलेंगे। घटना की जानकारी के अनुसार पत्रकार कमल महंत के पड़ोस में रहने वाली श्रीमती उमा श्रीवास से गिट्टी बालू रखकर मार्ग अवरुद्ध करने के कारण विवाद की स्थिति एवं उसके पश्चात कमल महंत का श्रीमती उमा श्रीवास के घर दरवाजा तोड़कर बलात प्रवेश करने का मामला बताया गया है। पूरी घटना के समय श्रीमती श्रीवास 112 की टीम को फोन कर बुलाई। 112 की टीम आई और मौका मुआयना करने के बाद 10 मिनट बाद ही वापस चली गई। 112 की टीम कमल महंत से बात भी की परंतु उसे अपने साथ नहीं ले गई। कारण यह है कि श्रीमती श्रीवास ने 112 की टीम को जो बात बताई प्रारंभिक जांच में वह मैच नहीं हुआ। क्योंकि श्रीमती श्रीवास् 112 की टीम को उनके सामने का दरवाजा तोड़कर बलात प्रवेश करने की बात बताई परंतु 112 की टीम के मुआयना में श्रीमती श्रीवास् के लोहे का मुख्य द्वार सुरक्षित पाया गया और इस कारण 112 की टीम श्रीमती श्रीवास को थाने में आने की बात कह कर वापस लौट गई। दंपत्ति थाने पहुंची और पत्रकार कमल महंत के खिलाफ गैर जमानती धारा के तहत अपराध पंजीबद्ध करा दिया। पाली थाना प्रभारी बिना क्राइम सीन की जांच किए दरवाजे के टूटे हिस्से को जप्त किए बिना एफ आई आर दर्ज कर लिया और वह भी गैर जमानती धाराओं के तहत। नियम के अनुसार थाना प्रभारी यदि किसी आरोपी के खिलाफ गैर जमानती धारा के तहत अपराध पंजीबद्ध करता है तो उसके पहले थानेदार को उच्च अधिकारी की अनुमति लेनी जरूरी है। परंतु पत्रकार कमल महंत के मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। इन सब अनियमितताओं के संबंध में शहर के एक प्रतिष्ठित क्रिमिनल अधिवक्ता जल्द ही आईजी श्री डांगी से मिलेंगे। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )