अपराध में प्रयुक्त वाहनों का मैकेनिकल मुलाहिजा न होना इन्वेस्टिगेशन का मेजर फॉल्ट है। गांजे में पकड़े गए कई आरोपियों का कोर्ट में यह पक्ष मजबूत कि जप्त हुए वाहन चलने की स्थिति में नहीं थी : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर ( 24 जून 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] किसी भी तरह के अपराध में प्रयुक्त वाहनों को पुलिस आरोपियों के साथ पकड़ती है। उसमें रखे सामानों की जब्ती बनाती है और साथ ही वाहन भी जब्त करती है। अब पुलिस की यह अहम जिम्मेदारी है कि कोर्ट में समय पर चालान पेश करें। इन सब बातों में पुलिस का अन्वेषण कर्ता एक चीज भूल जाता है और वह है जब्त वाहन का मैकेनिकल मूलहेजा कराना जिसमें वाहन की स्थिति जब वाहन पुलिस ने पकड़ी क्या उस समय वाहन चलने की स्थिति में थी ? और यह मैकेनिकल मुलाहिजा रिपोर्ट चालान के साथ संलग्न होना जरूरी होता है। बिलासपुर की कुछ घटनाएं है जिसमें स्वयं सीबीआई टीम एवं पुलिस वाहन का मेकेनिकल मुलाहिजा नहीं करवाया था और बचाव पक्ष के वकील ने यह मुद्दा उठाया तो कोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए आरोपियों को बरी कर दिया। कुछ साल पहले सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट शहर के मध्य नगरी में एसईसीएल के एक अधिकारी श्री खान को एसईसीएल के एक कर्मी से घूस लेते हुए पकड़ा सीबीआई उस अधिकारी के साथ उनकी कार भी जप्त की। जब कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ और सीबीआई कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने यह तर्क दिया कि कार खराब थी और मैकेनिक के इंतजार में व खड़े थे और सीबीआई टीम ने उनके कार में पैसे रखकर श्री खान को फंसाया। सीबीआई जांच में इस आधार पर एसईसीएल अधिकारी श्री खान को दोषमुक्त कर दिया। क्योंकि देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने अपराध में प्रयुक्त कार का मेकेनिकल मुल्हैजा करना भूल गए थे। अभी शहर में कई थानों में व्यापक मात्रा में गांजे की बरामदगी हुई और साथ में अपराध में प्रयुक्त वाहनों की भी जप्त किया गया। परंतु पुलिस द्वारा जप्त कई वाहनों का मेकेनिकल मुलाहिजा नहीं कराया गया है। जिससे अभियोजन पक्ष कमजोर हो रहा है और आरोपी बरी हो रहे हैं। सारी व्यवस्थाओं के साथ यदि पुलिस को कोर्ट में अपना पक्ष मजबूत रखना है तो अपराध में प्रयुक्त जप्त वाहनों का मैकेनिकल मुलाहिजा होना अत्यंत जरूरी है। जिससे सिद्ध हो सके कि घटना में प्रयुक्त वाहन का कोई मैकेनिकल फॉल्ट नहीं है और पुलिस ने जब उक्त वाहन को पकड़ी तो वह चलने की स्थिति में थी। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )