बहुचर्चित दीप्ति सोनी एवं रेहान मर्डर मिस्ट्री में एसएसपी श्रीमती पारुल माथुर एफएसएल टीम एवं साइबर सेल की कर रही थी पल-पल की मॉनिटरिंग। बिलासपुर एफएसएल की गाड़ी नहीं है उपयुक्त सीन ऑफ क्राइम के लिए : तपन गोस्वामी [ एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर ( 29 जून 2022 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] सरकंडा थाना क्षेत्र के गुलाब नगर में पिछले 25 जून 2022 को घटित राजेंद्र कश्यप संदिग्ध मौत के मामले में मृतक के शरीर में कई ऐसे महत्वपूर्ण सिम्टम्स पाए गए हैं जोकि स्वयं फांसी लगाने वाले मृतक के शरीर में नहीं पाए जाते हैं। थाना सरकंडा के थाना प्रभारी सीन ऑफ क्राइम में गए थे उन्हें भी मामला काफी संदेहास्पद लगा था परंतु इसके बावजूद थाना प्रभारी ने एफएसएल टीम को नहीं बुलाया था। हम यहां दो ब्लाइंड मर्डर केस का जिक्र करेंगे जिसमें एसएसपी पारुल माथुर ने सिर्फ एफएसएल टीम एवं साइबर सेल को नहीं बुलाई बल्कि उनकी पल-पल की मॉनिटरिंग कर रही थी। 15 जून 2021 को खिसोरा पंतोरा मार्ग में रात के समय बिलासपुर निवासी देवेंद्र सोनी अपनी पत्नी दीप्ति सोनी की हत्या कार में कर दी और हत्या का आरोप अज्ञात लुटेरों पर लगाया। श्रीमती पारुल माथुर उस समय जांजगीर चांपा कि एसपी थी उन्होंने तुरंत बिलासपुर से एफएसएल टीम बुलाकर सीन ऑफ क्राइम का इन्वेस्टिगेशन शुरू करवा दी और बहुत कम समय में ही एफएसएल टीम ने हत्या का राज खोल दिया और देवेंद्र सोनी अपने पत्नी दीप्ति का कातिल निकला। इसी तरह तार बहार का बहुचर्चित रेहान मर्डर केस भी बहुत रहस्यमय था परंतु एसएसपी श्रीमती पारुल माथुर एफएसएल एवं साइबर सेल की लगातार मॉनिटरिंग कर रही थी जिससे जल्दी मामला सुलझ गया। बिलासपुर पुलिस का एफएसएल टीम अभी अत्याधुनिक उपकरणों से वंचित है। सीन ऑफ क्राइम के लिए सिर्फ एक ही गाड़ी है जिसमें फील्ड इन्वेस्टिगेशन के उपकरण नहीं लगे हैं। रात के समय यदि कोई घटना हो गई तो एन एस डी लाइट एवं सर्च लाइट के बिना ही सीन ऑफ क्राइम में जाना पड़ता है। आजकल अपराधी भी फॉरेंसिक साइंस की पुस्तकें पढ़ने लगे हैं और घटना को अंजाम देने के बाद घटनास्थल को किस तरह डिस्टर्ब किया जाए यह पद्धति सीख रहे हैं और ऐसी स्थिति में एफएसएल टीम की जिम्मेदारियां और बढ़ जाती है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )