बिलासपुर सेंट्रल जेल के अंदर एवं बैरकों में तगड़ी चाक-चौबंद। कैदियों का बाहर से नो कांटेक्ट। थोड़ी सी भी शिकायत दूसरे जिलों में होगी शिफ्टिंग : तपन गोस्वामी [ editor-in-chief ]
बिलासपुर (31 दिसंबर 2022 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] वर्तमान समय में बिलासपुर सेंट्रल जेल में शहर एवं अन्य प्रांतों की कई खतरनाक हवालाती कैदियों की एंट्री हुई है। बहुचर्चित संजू त्रिपाठी हत्या केस में शहर के अलावा यूपी से भी कुछ पेशेवर अपराधियों को लाकर सेंट्रल जेल में रखा गया है। इसके अलावा शहर के भी कुछ गैंगस्टर इसी जेल में बंद है। और इस कारण सेंट्रल जेल प्रशासन की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है। बिलासपुर के स्थानीय अपराधियों से यूपी से आए पेशेवर अपराधियों का मेलजोल न हो इसके लिए विशेष ध्यान रखा गया है। प्रतिमाह 30 तारीख को रात के 8 बजे के करीब जेल के अंदर इमरजेंसी सायरन बजाया जाता है। और उस समय सभी वार्ड के कैदियों को अपने अपने बैरकों में सर झुका कर बैठना होता है। इस सायरन के बजने के पीछे जेल प्रशासन का उद्देश्य होता है कि सभी जेल के कैदी अनुशासित रहे उन पर 24 घंटे जेल प्रशासन के निगरानी हैं। और कैदियों द्वारा रचे गए किसी भी तरह का षड्यंत्र को नाकाम कर दिया जाएगा। कल भी रात के 8 सेंट्रल जेल में इमरजेंसी सायरन बजा और कैदियों को अच्छे से रहने की सलाह दी गई। जेल प्रशासन द्वारा कैदियों के परिजनों से बात करने के लिए सीमित समय के लिए लैंड लाइन सुविधा दी गई। जेल के अंदर पदस्थ स्टाफ फोन करने वाले कैदी की हर गतिविधियों पर नजर रखते हुए कैदी की हर बात को ध्यान से सुनता है। एक ही केस से संबंधित हवालती कैदियों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है। जेल के अंदर उनके परिजनों द्वारा भेजे गए सामानों की भी अच्छी तरह जांच हो रही है और यह भी देखा जा रहा है कि कोई आपत्तिजनक वस्तु तो नहीं है? पिछले समय जेल के अंदर के कुछ कैदियों की मृत्यु एवं कुछ कैदियों के फेरारी से जेल प्रशासन काफी गंभीर है। और जेल के अंदर पल-पल की निगरानी रखी जा रही है। जेल के वार्डों में गैंगवार की स्थिति निर्मित न हो उस पर भी विशेष नजर है क्योंकि शहर में घटित कुछ घटनाओं के शिकायतकर्ता एवं आरोपी दोनों जेल के अंदर बंद है। जेल प्रशासन का कहना है कि चाहे हवालाती कैदी हो या सजायाफ्ता सभी मिलकर साथ रहे। परंतु यदि आपस में विवाद करेंगे और समझाइश देने के बाद भी मामला तनावपूर्ण होता है तो कैदियों को दूसरे जेलों में शिफ्ट करने के लिए थोड़ी भी देरी नहीं की जाएगी। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )