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पुलिस के एक्शन से दुबके हिस्ट्रीशीटरो की पुनः शिकायतें आनी शुरू हुई। तोरवा थाना एवं सिविल लाइन थाने में शिकायत। पुलिस शहर के हिस्ट्रीशीटरो के आय का साधन पता लगाएं तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर (29 मार्च 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] कुछ माह तक अपने सुरक्षित मादो में छुप कर बैठने वाले शहर के खतरनाक हिस्ट्रीशीटर पुनः अपना रंग दिखाना शुरू कर दिए है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी हिस्ट्रीशीटर पुलिस डायरी पर ही अपना बेल लेने में सफल हो गए हैं। इसका मुख्य कारण पुलिस द्वारा तैयार किए गए कमजोर डायरी ही है। चालान की बात तो बहुत दूर हिस्ट्रीशीटरो द्वारा सेशन कोर्ट में बेल के आवेदन लगाने पर कोर्ट द्वारा संबंधित थाना क्षेत्र से डायरी कॉल किया जाता है। और ऐसे समय में पुलिस को उस हिस्ट्रीशीटर के अपराध की पूरी जानकारी दस्तावेजों के साथ कोर्ट में डायरी के साथ भेजनी होती है। और इससे उस हिस्ट्रीशीटर का बेल रिजेक्ट हो जाता है। परंतु ऐसा नहीं होता है पुलिस के कमजोर इन्वेस्टिगेशन के कारण आज शहर के सभी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर जेल से बाहर है। अब हम आपको बता दें कि शहर के हिस्ट्रीशीटरो का क्या काम है? वसूली, जमीन पर कब्जा, मकान खाली कराना, दुकान खाली कराना, भू माफियाओं के इशारे पर किसी पर अटैक करना। यही इनका मुख्य काम है। इन सबके अलावा इनके जीविका का कोई साधन नहीं है। आजकल प्राइवेट हॉस्पिटल वाले भी हिस्ट्रीशीटरो का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। कुछ महीने पहले शहर के एक प्राइवेट अस्पताल के दो दावेदार आ गए तो हॉस्पिटल के दो प्रबंधक द्वारा हिस्ट्रीशीटरो का भर पूर उपयोग एक दूसरे को चमकाने के लिए किया गया था। इसी तरह के अवैध धंधे से कमाए पैसों से ये ऐसो आराम की जिंदगी जीते हैं। शैक्षणिक दृष्टिकोण से शहर के सभी हिस्ट्रीशीटर अनपढ़ है। उनकी कोई कमाई नहीं है बैंक इन्हे कभी भी लोन नहीं देता है। तो इनकी कमाई का साधन क्या है ? पुलिस को एक ऐसे ही खुफिया तंत्र के गठन करने की आवश्यकता है जो की शहर एवं आसपास के हिस्ट्रीशीटरो के आय के साधन की जानकारी गंभीरता से करें तो पता चलेगा की कई हिस्ट्री शीटर पड़ोस के जिलों में गंभीर अपराध कर बिलासपुर में छुपे बैठे हैं। और इस अपराध के लिए उसे भारी-भरकम रकम भी मिली है। 10 लाख से 22लाख की कीमती कार में घूमने वाले हिस्ट्रीशीटरो के घर के सदस्य दूसरे के घर में झाड़ू पोछा कर रहे हैं। 3 या 4 माह दुबक कर बैठने वाले ये हिस्ट्रीशीटरो के खिलाफ थानों में पुनः शिकायते आनी शुरू हो गई है। थाना तोरवा एवं थाना सिविल लाइन में हिस्ट्रीशीटरो के खिलाफ शिकायतें पेंडिंग है। मौका पाते ही यह शहर में पुनः खून खराबा करने की प्लानिंग बना रहे हैं। आवश्यक है कि पुलिस इन पर जासूसी नजर बनाए रखें। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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