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ईडी के टार्गेट में है एसईसीएल हेड ऑफिस के कुछ अधिकारी। कोयले के ₹25 की लेवी वसूली 540 करोड़ की उगाही की जानकारी कोल इंडिया को नही है। समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया एवं सूर्यकांत तिवारी के एसईसीएल कांटेक्ट की हो रही है जांच : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर ( 02अप्रैल 2023) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] कोयला किसका? कोल इंडिया का। अवैध रूप से लेवी कौन वसूल रहा है सूर्यकांत तिवारी एंड कंपनी।₹25 प्रति ट्रक लेवी वसूली का विरोध कई कोल सप्लायर एस ई सी एल हेड ऑफिस एवं कलेक्टर को किए। परंतु एसईसीएल हेड ऑफिस के अधिकारियों को यह अच्छी तरह से पता था की लेवी वसूली करने वाले सूर्यकांत तिवारी एक वजनदार नाम है। और सत्ता के गलियारे में इनकी काफी पहुंच है। और इस तरह ₹25 प्रति ट्रक लेवी वसूली का विरोध भी एसईसीएल नहीं कर सकी। जानकारी के अनुसार इस संबंध में राज्य के पूर्व प्रभावशाली नौकरशाह समीर विश्नोई एवं सौम्या चौरसिया का फोन कई बार एसईसीएल के तत्कालीन सीएमडी के पास आ चुकी थी। और उसमें कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी को सहयोग करने के लिए कहा गया था। अवैध रूप से कोयला लेवी वसूली की शिकायत पर प्रवर्तन निदेशालय ( ई डी ) ने छापे का जो सिलसिला शुरू किया था वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोयले की लेवी वसूली के केस में राज्य के प्रभावशाली नौकरशाह समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया एवं कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी के यहां कोयले की लेवी वसूली से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज के साथ कई करोड़ की नकदी, करोड़ों की जमीन के कागजात, भारी मात्रा में स्वर्ण आभूषण जप्त कर तीनों को गिरफ्तार किया जो अभी भी जेल में है। ईडी द्वारा कोल लेवी वसूली के साथ ही लिकर घोटाले में भी धरपकड़ शुरू कर दी है। इसी बीच कोयले के अवैध रूप से लेवी वसूलने के मामले में ईडी का ध्यान एसईसीएल के कुछ अधिकारियों पर गया जो की कमर्शियल विभाग के हैं। ईडी ने यह भी जानकारी निकाली की समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया एवं सूर्यकांत तिवारी एसईसीएल के कुछ अधिकारियों के संपर्क में थे। और अब ये एस ई सी एल के अधिकारी ईडी के रडार में आ गए हैं। ई डी के अधिकारियों को यह भी जानकारी है कि कोयले के ट्रकों से लेवी वसूली की जानकारी एसईसीएल के जिम्मेदार अधिकारियों को थी। परंतु ये अधिकारी इसकी प्राइमरी रिपोर्ट भी कोल इंडिया दिल्ली को नहीं भेजी। एसईसीएल के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कोयला बिक्री के बाद हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। परंतु उनके द्वारा बेचे गए कोयले में यदि वसूली की शिकायत आ रही है तो निश्चित तौर पर इसकी जानकारी कोल इंडिया दिल्ली को देनी जरूरी है। इस मामले में जल्द ही एसईसीएल हेड ऑफिस के विजिलेंस सेल पर भी गाज गिरने वाली है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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