बिलासपुर पुलिस ध्यान दें। एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के नाम से बांटे जा रहे हैं फर्जी सर्टिफिकेट। सरकंडा पुलिस कुछ समय पहले पकड़ी थी वॉकी टॉकी लगी एक कार: तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (04 अप्रैल 2023 )[तपन गोस्वामी द्वारा ] दिल्ली की एक फर्जी संस्था एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा काफी रकम लेकर युवकों को सेंट्रल विजिलेंस कमिशन का एक आकर्षक सर्टिफिकेट बाटकर उन्हें सदस्य बनाए जा रहा है। और युवकों को कहा जा रहा है कि आप शहर एवं आसपास कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के भ्रष्टाचार के विषय में पता करो और उसकी पूरी जानकारी लेकर हमें भेजो हमारी संस्था उसे पकड़वा देगी। अपने नाम न उजागर करने की शर्त पर सरकंडा थाना के बगल में स्थित कोल माइन्स प्रोविडेंट फंड के एक सीनियर कर्मचारी ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके घर में कुछ युवक आए और वे एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया का स्टाफ होना बताया और उन्होंने बताया कि यह संस्था सेंट्रल विजिलेंस कमिशन से संबद्ध है। और हम सेंट्रल गवर्नमेंट के अधिकारी एवं कर्मचारियों पर नजर रखते हैं। इतना सुनने के बाद कोल माइन्स प्रोविडेंट फंड के कार्यालय में कार्यरत उस स्टाफ की हालत खराब हो गई। एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के उन तथाकथित अधिकारियों का कहना था कि आप एसईसीएल के कर्मचारियों की प्रोविडेंट फंड की लेखा जोखा रखते हो। आप के खिलाफ शिकायत है कि कोयला कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड के पार्ट फाइनल निकालने में अब पैसों की मांग करते हो और कईयों से पैसे लिए भी। सीएमपीएफ का कर्मचारी इसलिए डर गया था की उसने भी कईयों से पैसे लेकर पीएफ का पार्ट फाइनल क्लियर किया था। अब वे तथाकथित अधिकारी दबाव बनाने लगे। कथित एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया से आने वाले स्टाफ सुटेड बूटेड थे। और होंडा सिटी कार लेकर आए थे और उन्होंने बताए की हमारी टीम एन टी पी सी सीपत के गेस्ट हाउस में रुकी है। उन्होंने सीएमपीएफ के कर्मचारी से उसे बचाने के लिए काफी रुपए की मांग की परंतु मामला रुपए 30 हजार पर फाइनल हुआ। दूसरे दिन सीएमपीएफ का यह कर्मचारी अपने एक मित्र से चर्चा की। तो उनका मित्र एनटीपीसी गेस्ट हाउस में किसी विजिलेंस टीम के रुकने के संबंध में जानकारी चाही तो एनटीपीसी गेस्ट हाउस प्रबंधन ने बताया कि कुछ दिन पहले रायपुर से सीबीआई के कुछ स्टाफ आए थे उनका कुछ पुराना इन्वेस्टिगेशन था वे इनोवा से आए थे होंडा सिटी कार से नही। परंतु इसके बाद सेंट्रल विजिलेंस कमिशन का कोई भी स्टाफ यहां नही रुका। एसईसीएल के कोल माइन्स प्रोविडेंट फंड के स्टाफ को पूर्ण विश्वास हो गया कि उसकी कोई गोपनीय जानकारी लेकर उसके साथ ठगी किया है। मामला आगे बढ़ने पर उसका ही नुकसान होगा यह सोच कर वह इस प्रकरण को दबा गया। परंतु उसने बताया कि जो युवक आए थे उसने सेंट्रल विजिलेंस कमिशन दिल्ली का आई कार्ड दिखाया था। पिछले वर्ष बिलासपुर वन मंडल के एक अधिकारी को इसी फर्जी एंटी करप्शन फाउंडेशन के फर्जी अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार से बचाने के एवज में करोड़ों रुपए की उगाही की थी। बाद में सिविल लाइन पुलिस इस फर्जी गिरोह में शामिल तीन युवक एवम एक युवती को पकड़ कर जेल की हवा खिलाई थी। कुछ समय पहले सरकंडा पुलिस मोपका एरिया में नाइट पेट्रोलिंग के समय ट्रक से वसूली करती हुए एक मारुति डिजायर कार को पकड़ा था। कार में लिखा था एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया नई दिल्ली। कार में बकायदा पुलिस कार जैसे वायरलेस एंटीना एवं कार के अंदर वॉकी टॉकी सेट रखा पाया गया। सरकंडा पुलिस कार सहित सब को पकड़कर ले आई। ट्रक ड्राइवर को बयान हुआ तो उन्होंने बताया कि ये युवक ट्रक को रोककर अपना परिचय विजिलेंस ऑफिसर होना बताकर दस हजार रुपए की मांग की परंतु इस बीच सरकंडा पुलिस की नाइट पेट्रोलिंग टीम पहुंच गई तो घटनास्थल से ही रंगे हाथों इस फर्जी विजिलेंस टीम को पकड़ा गया। बाद में इन पकड़े गए आरोपियों में से कुछ का नाम प्रधानमंत्री आवास घोटाले में भी आया और सभी काफी दिनों तक जेल में रहे। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम इस फर्जी संस्था द्वारा जारी किए गए सर्टिफिकेट का अवलोकन किया तो पाया कि इसमें स्पष्ट रूप से लिखा है की संस्था सेंट्रल विजिलेंस कमिशन सतर्कता भवन नई दिल्ली द्वारा अधिकृत है। और सर्टिफिकेट में सचिव अरिंदम मजूमदार के हस्ताक्षर हैं। हमें जानकारी मिली है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग इस तरह का कोई सर्टिफिकेट जारी नहीं करता। और इस तरह से संस्था बनाकर किसी भी निजी संस्था और निजी व्यक्ति को भ्रष्टाचार की जांच करने का अधिकार नहीं देता। बिलासपुर में भी उक्त फर्जी संस्था द्वारा काफी रकम लेकर कईयों को सदस्य बनाया गया है। पुलिस इस तरह के फर्जी संस्थाओं पर त्वरित कार्रवाई करें। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )