सिंधी कॉलोनी, भक्त कंवर राम मार्केट, चकरभाटा, आदर्श नगर, बिल्हा एवम शहर से बाहर स्थित फार्म हाउस से नियंत्रित होता है करोड़ों के सट्टे का व्यापार। एक खास एवं प्रतिष्ठित कारोबारी घराने के युवक एवं परिजन ही क्यों शामिल हो रहे है सट्टा व्यापार में? थाना मत घेरों बच्चों को संभालो : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (10 अप्रैल 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] पुलिस निजात अभियान के माध्यम से शहर को नशा मुक्त कराने में काफी सफल हुई है। परंतु सट्टा एवं जुआ जैसे प्रतिबंधित एवं युवाओं के जीवन बर्बाद करने वाले व्यसन के खिलाफ सफल क्यों नहीं हो पा रही है ? इसी सट्टे के कारण कुछ साल पहले गंगानगर निवासी युवक शुभम केसरवानी सहित कई युवकों की हत्या एवं कुछ युवक मृत्यु को गले लगा चुके हैं। परंतु यह सट्टा जुआ रुकने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन कई लाख रुपए के सट्टे एवम जुए पकड़े जा रहे हैं। और गिरफ्तारियां भी हो रही है। परंतु पुलिस अभी भी मामूली धारा के तहत उन्हें पकड़कर मुचलके पर छोड़ रही है। जबकि छत्तीसगढ़ शासन ही एक ऐसा प्रदेश है जहां पर सट्टा एवं जुआ को रोकने के लिए विधानसभा में छ.ग. जुआ प्रतिषेध विधेयक 2022 की धारा सट्टेबाजों एवं जुआरियों पर लागू करने के लिए बनाया। इस धारा में पकड़े जाने पर 7 साल की सजा एवं 10 लाख रुपए जुर्माना है। और यह धारा पूर्णतया गैर जमानती है। परंतु अभी तक जितने भी जुआ एवम सट्टे के आरोपी पकड़े गए सभी पर जमानती धारा लगाकर थाने से ही मुचलके पर छोड़ दिया गया। कुछ दिन पहले चकरभाटा पुलिस कैंप निवासी राधिका मोबाइल के मालिक जय रोहड़ा एवम उनके छोटे भाई सूरज रोहड़ा को पकड़कर थाने ले आई। इनके खिलाफ आरोप है कि यह दोनों भाई दुकान में जमकर सट्टा खिला रहे हैं। पहले भी जय रोहड़ा पुलिस के मेहमान बन चुके हैं। चकरभाटा पुलिस वहां से दोनों भाइयों को पूछताछ करने के लिए ए सी सी यू ऑफिस लेकर गई। वहा पूछताछ शुरू हुई। पुलिस का यह ऑफिस कोई मंदिर तो है नहीं कि वहां चरणामृत एवं प्रसाद मिलेगा। यह तो तय है कि पूछताछ के दौरान टीम मेंबर सट्टा खिलाने वाले दोनों आरोपी भाइयों जय एवं सूरज की खातिरदारी जरूर की होगी। परंतु कुछ देर बाद थाना चकरभाठा में भूचाल आ गया। आरोपी के परिजन एवं चकरभाटा के कारोबारियों द्वारा थाना चकरभाटा का घेराव कर दिया। यह घटना अक्सर साइबर ठगी के लिए विख्यात जामताड़ा में होती है। यदि पुलिस किसी साइबर ठग को पकड़ने जाती है तो पूरा जामताड़ा शहर पुलिस का घेराव कर देती है। चकरभाठा पुलिस को भीड़ से थाने के डाक्यूमेंट्स एवं उपकरण बचाने के लिए मुख्य द्वार को अंदर से बंद करना पड़ा। अब सवाल यह है कि चकरभाटा पुलिस का राधिका मोबाइल दुकान के दोनों भाइयों जय एवं सूरज से कोई पुरानी दुश्मनी थी ? या चकरभाटा पुलिस को दिन में सपने आए कि दोनों भाई दुकान में सट्टा खिला रहे हैं। नहीं ऐसी बात नहीं है। पुलिस पहले भी सूरज रोहड़ा को अपना मेहमान बना चुकी थी। पुलिस को अपने इनफॉर्मेटिक् सोर्स से यह पता चला था कि यहां सट्टा खिलाया जा रहा है। शिकायत पहले से आ रही थी परंतु ना जाने क्यों चकरभाटा पुलिस कि किस तरह से सेटिंग थी कि इन्हें पकड़ नहीं रही थी। जय एवं सूरज के परिजन थाना घेराव करके उन्हें छुड़ा तो जरूर लिए परंतु इनके परिजनों को पहले से ही पता है कि ये सट्टा खिलाने में काफी एक्सपर्ट हो चुके हैं। और इसी के माध्यम से दोनों भाई जल्द से ही करोड़पति बनना चाहते हैं। अब एक प्रश्न शहर के आम जनता के दिमाग में उठ रही है कि चाहे आईपीएल दुबई का सट्टा हो, गोवा का सट्टा हो, मुंबई का सट्टा हो या जुआ इस अपराध में एक खास एवं प्रतिष्ठित कारोबारी घराने के युवक एवं परिजन ही क्यों फंसते है? क्या आईपीएल एवं अन्य सट्टा जुआ के फ्रेंचाइजी देने वाले यह क्राइटेरिया बना के रखे हैं कि यह काम सिर्फ इन प्रतिष्ठित कारोबारी घराने के परिजनों को ही दिया जाएगा? आईपीएल का सीजन हो या सामान्य शहर के सटोरियों को प्रतिदिन नए-नए ऐप मिल जाते हैं। शहर में सट्टा जुआ का मार्किंग पॉइंट सिंधी कॉलोनी, भक्त कंवर राम मार्केट, चकरभाटा, आदर्श नगर, बिल्हा सहित शहर के कुछ रहीश जादो के शहर से बाहर स्थित फार्म हाउस है जहां पर अत्याधुनिक वाईफाई सिस्टम लगाकर सट्टा खेला जा रहा है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )