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बिलासपुर दयालबंद टुटेजा परिवार का होनहार बालक एवं शहर के प्रतिष्ठित बुधिया परिवार के दामाद आईएएस अनिल टुटेजा के क्रियाकलाप ने शहर को व्यथित किया। ईडी इन पर इजराइल से आयातित सेकंड टू सेकंड ट्रैकिंग सिस्टम से कर रही है निगरानी : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर (23 अप्रैल 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] प्रवर्तन निदेशालय ( ई डी ) के जासूसी नजर में अपने आप एवं परिवार को सुरक्षित रखने की कोशिश करने वाले राज्य सरकार के एक प्रतिष्ठित पद पर आसीन रहे आईएएस अनिल टुटेजा बिलासपुर के दयालबंद के टुटेजा परिवार का एक होनहार पुत्र है । प्रारंभ से ही अनिल टुटेजा का सपना रहा कि वह एक दमदार एवं प्रभावशाली सरकारी अधिकारी बने। प्रताप चौक स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ने के बाद उन्होंने एक ऐसे गुरु की शरण ली जिन्होंने अपनी प्रभावी शिक्षा के बदौलत बिलासपुर के कई युवकों को आईएएस एवं आईपीएस बनाएं। इसमें आईपीएस संजय पिल्ले भी शामिल है। इस शिक्षा गुरु का नाम एमजी मजूमदार सर है जोकि दयालबंद के सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक रहे थे। यह वाक्या 45 साल पहले की सन 1976 की है और उसी समय अनिल टुटेजा का चयन डिप्टी कलेक्टर के रूप में हुआ था। स्कूली शिक्षा तो अनिल टुटेजा को प्रताप चौक स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हुई थी। और इसी स्कूल में शहर के प्रतिष्ठित बुधिया परिवार की होनहार पुत्री मीनाक्षी बुधिया भी पढ़ती थी। अनिल टुटेजा काफी इंटेलिजेंट थे। स्टडी के दौरान मीनाक्षी बुधिया अपने डाउट्स क्लियर करने के लिए अनिल टुटेजा उसके पास जाती थी। स्टडी के डाउट्स क्लियर करते-करते दोनों ने अपने दिल के डाउट्स क्लियर कर बैठे। दोनों के मध्य गुपचुप लव स्टोरी चलती रही। यह बात न तो बुधिया परिवार को पता था और न ही टुटेजा परिवार को। इस बीच अनिल टुटेजा बिलासपुर के लोकप्रिय एवं मेधावी छात्रों के दिलों में राज करने वाले एमजी मजूमदार सर के ट्यूशन पढ़ कर राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर डिप्टी कलेक्टर बन गए। और कुछ ही समय बाद अनिल टुटेजा बिलासपुर के बुधिया परिवार की बेटी मीनाक्षी से शादी कर ली। दोनों परिवार में भारी बवाल मचा परंतु बाद में सब शांत हो गए। दयालबंद में अनिल टुटेजा ने टुटेजा ट्यूटोरियल के नाम से एक कोचिंग सेंटर भी खोला था जो उस समय के सबसे टॉप कोचिंग सेंटर था। परंतु प्रतियोगी परीक्षा के किसी विषय के कुछ प्रश्नों के लीक होने के संदर्भ में टुटेजा ट्यूटोरियल जांच की परिधि में आ गए थे। और संस्थान को काफी धक्का लगा था। अनिल टुटेजा एवं मीनाक्षी रायपुर शिफ्ट होकर प्रदेश के सबसे बड़ी मीनाक्षी सलून खोली जिसके फ्रेंचाइजी कई लाख रुपए में मिला करती थी। इधर अनिल टुटेजा का प्रशासनिक कद एवं रुतबा बढ़ता चला गया। और बढ़ चला था उनके चल एवं अचल संपत्ति की लिस्ट। काफी समय तक सब कुछ ठीक-ठाक रहा। अनिल टुटेजा को आईएस अवॉर्ड भी मिला। और फिर नॉन का डायरेक्टर भी बने। परंतु इसके बाद उनका दुर्दिन शुरू हो गया। बिलासपुर में जिस तरह से अनिल टुटेजा ने लोकप्रियता कमाई थी परंतु रायपुर में नॉन के डायरेक्टर बनने के बाद उसकी धज्जियां उड़नी शुरू हो गई। फिर उन्हें डायरेक्टर पद से हटा दिया गया। कई आरोप लगे मीनाक्षी सैलून के भी भट्ठे बैठ गए। आईएस अनिल टुटेजा की स्थिति को देखते हुए मीनाक्षी सलून में जो व्यवसाई पैसा लगाए थे जांच के डर से वे फ्रेंचाइजी वापस कर डिपॉजिट मनी की मांग करने लगे। अब आईएस अनिल टुटेजा ईडी के रडार पर है। ई डी उन्हें बयान देने के लिए बुलाई थी वे उपस्थित हुए परंतु बाद में वे उपस्थित नहीं हो रहे हैं। कोर्ट का रवैया भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ है। इस कारण अग्रिम जमानते भी खारिज हो रही है। ईडी अपने साथ इसराइल से आयातित अत्याधुनिक पर्सन एवम व्हीकल सेकंड टू सेकंड ट्रैकिंग सिस्टम से ट्रैकिंग कर रही है। और वर्तमान में ईडी कई प्राइवेट एक्सपर्ट की भी सेवाएं ले रही है। छत्तीसगढ़ विशेषकर बिलासपुर शहर की जनता को यह पता है कि आईएएस अनिल टुटेजा की स्थिति आगे आने वाले समय में क्या होगी? परंतु पैसा कमाने के होड़ ने बिलासपुर की जनता को शहर के होनहार आईएएस अनिल टुटेजा ने काफी दुखी किया। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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