बेलपान, खपरी नाला पुल निर्माण को लेकर हत्या! तखतपुर पीडब्ल्यूडी इंजीनियर अनिल कुमार सिंह मडर मिस्ट्री ! सीबीआई 13 साल बाद भी नहीं खोज पाई हत्यारों को : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]
बिलासपुर (03 मई 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] कार्यपालन अभियंता बिलासपुर के तहत युवा सब इंजीनियर अनिल कुमार सिंह को बेलपान, खपरी नाला पुल निर्माण की जिम्मेदारी सन 2010 को सौंपी गई थी। कोनी इंजीनियरिंग कॉलेज के सिविल इंजीनियरिंग विभाग से निकले अनिल कुमार सिंह पीडब्ल्यूडी की नौकरी ज्वाइन किया। इनका परिवार बिलासपुर के हेमू नगर में रहते हैं। और इनका ज्वाइंट परिवार है। अनिल कुमार सिंह का बड़ा भाई सुनील कुमार सिंह रेलवे में कार्यरत है। पीडब्ल्यूडी के तरफ से जब सब इंजीनियर अनिल कुमार सिंह को बेलपान खपरी नाला पुल के निर्माण की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई तो पहले पहले वह बहुत खुश था। पुल निर्माण का ठेका अंबिकापुर के देवासी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। यह तत्कालीन बीजेपी सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना थी। परंतु इस योजना में पहले से ही ग्रहण लग चुका था। पुल निर्माण में पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर अनिल कुमार सिंह इस निर्माण के प्रति काफी गंभीर थे। और पुल निर्माण में किसी भी तरह की कोई भ्रष्टाचार नहीं चाहते थे। परंतु अंबिकापुर के देवासी कंस्ट्रक्शन ग्रुप का काम भ्रष्टाचार से ओतप्रोत था। जिससे पुल निर्माण में मिलावटी सीमेंट, मात्रा से अधिक बालू, कम मात्रा में लोहे का छड़ का उपयोग होने लगा था। बेलपान खपरी नाला पुल निर्माण के पीडब्ल्यूडी के साइट इंजीनियर अनिल कुमार सिंह ने इसका पुरजोर विरोध किया। और इसकी शिकायत वे बिलासपुर के पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता के यहां भी की परंतु उसका कोई निराकरण नहीं हुआ। परंतु अंबिकापुर के देवासी कंस्ट्रक्शन ग्रुप ने उसी घटना को अंजाम दिया जिसका की अंदेशा था। दिनांक 28 मई 2010 को इंजी अनिल कुमार सिंह के मो : न 9770891309 से उनकी पत्नी सीमा सिंह के मोबा पर देर रात दिल दहलाने वाली खबर आई। खबर देने वाला कोई रवी नाम का व्यक्ति था जिस ने कहा कि खपरी रेस्ट हाउस के पास एक व्यक्ति गंभीर हालत में पड़ा है। उसके बगल में उसके मोटरसाइकिल पड़ी है और उसी के मोबाइल से आपको सूचना दे रहा हूं। आप लोग यहां जल्दी आ जाओ। सीमा सिंह अपने परिवार के साथ खपरी गेस्ट हाउस के सामने पहुंचे तो पाया कि उनके पति के पेट में गंभीर चोट है और मोटरसाइकिल दूर पड़ा है। एंबुलेंस से अनिल कुमार सिंह को जिला अस्पताल बिलासपुर पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दूसरे दिन उनका पीएम डॉ धर्मेंद्र ने किया। जिन्होंने पीएम रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से मृत्यु का कारण होमीसाइडल अर्थात (मानव वध ) बताया। पुलिस पर एफ आई आर के संदर्भ पर काफी पार्टिकल प्रेशर था। इस कारण 2 माह बाद अर्थात 23 जुलाई 2010 को थाना तखतपुर में एफ आई आर दर्ज किया गया। और संदेह के आधार पर एक आरोपी संजीत व्यापारी को गिरफ्तार किया गया। परंतु उसकी जमानत एक माह में ही हो गई। मृतक की पत्नी सीमा सिंह ने छ ग हाई कोर्ट में अपने पति की मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की। हाई कोर्ट ने जांच सीबीआई से कराने के लिए आदेश दिया। सीबीआई रायपुर ने अपने एक एसआई प्रदीप मोरे एवं एक कंप्यूटर ऑपरेटर को जांच हेतु बिलासपुर भेजा। यह दोनों खपरी रेस्ट हाउस में रुककर दो महीने तक जांच किए परंतु कोई रिजल्ट नहीं आया। उसके बाद सीबीआई टीम जांच छोड़कर चले गए। आज 13 साल बाद भी सीबीआई इस प्रकरण में न तो किसी को गिरफ्तार कर पाए और न ही अब तक कोर्ट में चालान पेश हुए।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)