*एस पी की पेट्रोलिंग से ऑपरेशन निजात को भारी सफलता। परंतु शहर को गैंग स्टारो से निजात नहीं। यदि कल के गैंगवार अकबर गुट एवम मेडी गुट के मध्य है तो आगे बड़ी वारदात की संभावना चैन रॉड अटेकर से हमला। 25 फरवरी 2022 तालापारा समता कॉलोनी नवीन महादेवा हत्याकांड इन्हीं दोनों गुटों के कारण हुई*:* *तपन गोस्वामी* *[editor-in-chief ]*
बिलासपुर (07 मई 2023)[तपन गोस्वामी द्वारा ] अकबर खान गुट एवम मेडी गुट अब शहर की शांति व्यवस्था के लिए खतरा बन चुकी है। जरहभाटा इंदु चौक स्थित एक छोटे से जमीन के टुकड़े की लड़ाई की कीमत 25 फरवरी 2022 को तालापारा समता कॉलोनी के पास 17 वर्षीय युवक नवीन महादेवा को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। परंतु हत्याकांड को अंजाम देने वाले मंझे हुए खिलाड़ी शहर में कीमती गाड़ियों में घूम रहे हैं। परंतु सिविल लाइन पुलिस के कमजोर इन्वेस्टिगेशन के कारण 12 नाबालिक जो सिर्फ मृतक नवीन महादेवा के बगल में थे वे जेल काट रहे हैं। बिलासपुर के एसपी संतोष कुमार सिंह दिन रात मेहनत कर करीब 3 साल से बिगड़ी कानून व्यवस्था को पटरी में लाने का प्रयास कर रहे हैं परंतु कई थानों के टीआई वर्तमान जेल से छूटे खतरनाक अपराधियों की गतिविधियों पर नजर न रखकर काफी लापरवाही बरत रहे है। कल देर रात की घटना तार बहार थाना क्षेत्र की है। जिसमें एक गुट अकबर खान की और एक गुट मैडी की बताई जा रही है जिनके गुंडों ने यूपी बिहार स्टाइल से ओपन गैंगवार की घटनाओं को अंजाम दिया। इसमें एक गुट के भास्कर वर्मा पर खतरनाक क्रिमिनल अटैक किया गया। इस पर घातक एवं हैंड मेक चैन रॉड अटैकर से हमला किया गया। यह झारखंड का एक खास हथियार है। जानकारी आ रही है कि दोनों गुटों में से एक गुट के बॉस ने भास्कर वर्मा की हत्या की फरमान जारी कर दिया था। और दो युवक लगातार भास्कर वर्मा का पीछा कर रहे थे। अब तक तार बाहर पुलिस 4 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिसमें काव्य गढ़ेवाल कोनी, सिद्धार्थ शर्मा चांटापारा, प्रिंस शर्मा कंस्ट्रक्शन कॉलोनी एवं आयुष कुदुदंड शामिल है। तारबहार पुलिस का कहना है कि देर रात और आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाएगी। अभी पुलिस पकड़े गए आरोपियों से वारदात की जानकारी ले रही है। अब हम आपको शहर के खतरनाक गुंडों की स्थिति बता दे। सिविल लाइन थाना एवं तोरवा थाना क्षेत्र के कुछ ऐसे खतरनाक गुंडे हैं जिनकी वास्तविक क्रियाकलाप, पुराने क्रिमिनल रिकॉर्ड के विषय में आईजी एवं एसपी को भी पता नहीं नहीं है। इसकी पूरी गलती टीआई लोगों की है। इस कारण गंभीर अपराध एवं गैर जमानती धारा होने के बावजूद आरोपी एक माह में छूट कर चले आते हैं। यहां तक की इन खतरनाक आरोपियों की जमानत का विरोध करने सरकारी वकील भी समय पर नहीं पहुंचते। जिससे खतरनाक आरोपी आसानी से छूट जाता है। कल का गैंग वार शहर के लिए चिंता का विषय है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )