तालापारा, मगरपारा एवम कुदुदंड से अब अति संवेदनशील एवं अशांत मोहल्ला है जरहाभाटा। सिविल लाइन थाने से आउट ऑफ कंट्रोल जरहाभाटा में एक सक्षम पुलिस चौकी की जरूरत। शहर के कई हिस्ट्रीशीटरो के पास कई पुलिसकर्मियों के लेन देन एवं अति संवेदनशील प्रकरणों के ऑडियो एवं वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (09 मई 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] दिनांक 6 मई 2023 के देर रात थाना तारबहार क्षेत्र के हॉटल हेवंस में घटित खतरनाक ओपन स्ट्रीट वार मेंअब तक पकड़े गए आरोपी काव्य गढ़ेवाल ( चकरभाठा), सिद्धार्थ शर्मा (राजेंद्र नगर ), प्रिंस शर्मा (कंस्ट्रक्शन कॉलोनी ), आयुष मराठा ( कुदुदंड ), फरीद अहमद ( मंझावा पारा) एवम एम वरुण ( रेल्वे कॉलोनी ) इसमें से सिर्फ तीन आरोपियों को छोड़कर बाकी सभी आरोपियों के घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब है। किसी की मां दूसरे के घरों में झाड़ू पोछा एवं खाना बनाने का काम करती है। और किसी के पिता अपना घर चलाने के लिए दिन भर मेहनत मजदूरी करते हैं। संपन्न परिवार के तीन आरोपी युवकों को उनके घर में एंट्री नहीं है। परंतु यही अपराधी युवक शाम को कीमती जींस एवं शर्ट पहन कर कीमती गाड़ियों के साथ इंदु चौक में मजमा लगाते देखे जा सकते हैं। अब सवाल यह है कि इन्हें यह शानो शौकत कौन प्रदान कर रहा है? परंतु पकड़े गए आरोपियों में एक बात कॉमन है और वह है सभी प्रतिबंधित ड्रग्स, डायजेपाम इंजेक्शन एवम प्रतिबंधित सिरप के आदि है। इन लोगों को इस तरह नशे की लत जरहभाटा के हिस्ट्रीशीटर ने लगाई है। कुल मिलाकर जरहभाटा वर्तमान में इंटर बिलासपुर क्रिमिनल हट बन गया है। पहले कुदुदंड, तालापारा, मगरपारा अशांत मोहल्ले के कैटेगरी में आता था। परंतु अब जरहभाटा कानून व्यवस्था की दृष्टि में सबसे अधिक अशांत माना जा रहा है। क्योंकि सिविल लाइन थाना जरहाभाटा के हिस्ट्रीशीटरो, गुंडों बदमाशों को कंट्रोल नहीं कर पा रही है। इस कारण जरहाभाटा में एक सक्षम पुलिस चौकी की अत्यंत जरूरत है। क्योंकि पुलिस के निजात अभियान में ऊपरी तौर पर नशीली वस्तुओं पर नियंत्रण जरूर दिख रहा है परंतु अंदरूनी तौर पर नशीली वस्तुओं का अवैध व्यापार जारी है। अब हम आपको बता दें कि शहर के हिस्ट्रीशीटर कोई गंभीर वारदात कर फरार कैसे हो जाता है? और उसे पुलिस के एक्शन की जानकारी कौन देता है? शहर के कई हिस्ट्रीशीटरो का विभिन्न स्थानों के कई पुलिसकर्मियों से अति मधुर संबंध है। यह मधुर संबंध थानों के कुछ गोपनीय जानकारी एवं फरारी के दौरान हिस्ट्रीशीटरो को दिए गए जानकारी के एवज में लेन-देन से बनी है। शहर के हिस्ट्रीशीटर भी कम चालाक नहीं है। उसके साथ जिस पुलिसकर्मी की भी बात हुई उसकी ऑडियो एवं लेनदेन की वीडियो रिकॉर्डिंग यह हिस्ट्रीशीटर सुरक्षित रखे हुए हैं। जिसका की वह तब उपयोग करते हैं जबकि वह कोई गंभीर वारदात को अंजाम देने के बाद शहर से फरार होता है। तो उस समय कुछ पुलिसकर्मियों से उन लोगों को जानकारी मिलती रहती है। अभी नए आए थाना प्रभारियों को ना तो क्राइम का (सी ) पता है और न ही इन्वेस्टिगेशन का (आई) पता है। हिस्ट्रीशीटर एवं अन्य अपराधियों के छुपी हुई बैकग्राउंड एवं उनके स्लीपिंग पार्टनरो का पता लगाए बिना अंधेरे में तीर मारने का काम करते हैं। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )