राजीव विहार लिंगियाडीह गली नंबर 3 प. ह. न 20 खसरा न.539 के मकान को लेकर संघर्ष की स्थिति। क्या एसईसीएल कर्मी की पत्नी सुनीता सिन्हा के जमीन के कागजात है फर्जी या सेवंती मिश्रा के कागजात? तपन गोस्वामी [ Editer in chief]
1 min readबिलासपुर (18 मार्च 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] इन दोनों बसंत विहार से लगे राजीव विहार गली नंबर 3 पर बने एक मकान को लेकर काफी संघर्ष की स्थिति बन रही है। मामला पटवारी हल्का नंबर20 एवं खसरा नंबर 539 पर बने एक मकान को लेकर है। एसईसीएल हेड ऑफिस बिलासपुर से रिटायर्ड हुए कर्मी पीके सिन्हा की पत्नी श्रीमती सुनीता सिन्हा का कहना है कि यही उनकी जमीन है और इस पर किसी ने अनाधिकृत रूप से मकान बनाकर रह रहा है। परंतु एसईसीएलसे रिटायर्ड हुए श्री सिन्हा एवं उनकी पत्नी श्रीमती सुनीता सिन्हा को पता नहीं है कि उनके जमीन पर किसने मकान बनाया है? और कौन रह रहा है? इस मामले की जानकारी आने पर हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम ने पता साजी की तो ज्ञात हुआ की काफी वर्षों पहले इस जमीन को चिरमिरी निवासी किसी मोती नाहक से श्रीमती सेवंती मिश्रा ने क्रय की थी। श्रीमती मिश्रा के पति शासकीय शाला कांसाबेल में पदस्थ है। उन्होंने उक्त जमीन को क्रय करने के पश्चात उसे एक परिचित बिल्डर अरविंद विश्वकर्मासे मकान बनाने के लिए दिया। इस मकान के लिए बैंक फाइनेंस भी हुआ। हमने यह महत्वपूर्ण जानकारी सिन्हा परिवार को दी।श्रीमती सेवंती मिश्रा का कहना है कि यदि जमीन के कागजात फर्जी होते तो बैंक फाइनेंस कैसे होता? करीब 12 वर्षों पश्चात एस ई सी एल हेड ऑफिस बिलासपुर में कार्यरत एवं इंदिरा विहार के सरकारी आवास में रहने वाले पीके सिन्हा रिटायर्ड हुए एवं अपने पुत्र एवं पत्नी को लेकर राजीव विहार श्रीमती सेवंती मिश्रा के घरपहुंचे और कुछ जमीन के कागजात दिखाकर उक्त मकान को अपना होने का दावा किया। उस वक्त श्रीमती सेवंती मिश्रा कांसाबेल में थी उनकी वृद्ध माता श्रीमती शकुंन तिवारी से उनकीबात हुई। इस तरह लगातार श्री सिन्हा वहां जा रहे हैं। मामला काफी संदिग्ध है। श्रीमती सिन्हा के पास भी इसी खसरे नंबर के कागजात है और श्रीमती सेवंती मिश्रा के पास भी कागजात है। अब प्रशासन को तय करना है कि किसके कागजात सही है और किसके कागजात फर्जी। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)