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*संदिग्ध मौतों के सिंपल पीएम रिपोर्ट कहीं क्राइम दब तो नहीं रही है? शहर के दो हाई प्रोफाइल डॉ पूजा चौरसिया एवं रेल्वे महिला अधिकारी विनीता साहनी के मौतों का सिंपल पीएम रिपोर्ट डॉक्टरो के कार्यप्रणाली पर कई प्रश्न चिन्ह? स्पेशल क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम बनाने की जरूरत : तपन गोस्वामी [ Editor in Chief*]*

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  • बिलासपुर (10 अप्रैल 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] रेल्वे अधिकारी विनीता साहनी के संदिग्ध मौत को डॉक्टर के एक सिंपल पीएम रिपोर्ट ने बता दिया कि मृत्यु हैंगिंग अर्थात फांसी लगने से हुई। रिपोर्ट आने के बाद मृतका विनीता साहनी के रेल्वे के एन ई कॉलोनी स्थित उनके सरकारी आवास में मृतका का पति अब्राहम हेल खुशियां मनाने लगे। अपने दोस्तों को बुलाकर पार्टियां भी की। क्योंकि पीएम करने वाले डॉक्टर की एक आधी अधूरी पीएम रिपोर्ट ने उसे निर्दोष साबित कर दिया। तोरवा पुलिस 3 दिन से मृतका विनीता साहनी के परिजनों से कथन लेने में ही बीता दिए। जबकि उससे कुछ खास हासिल होने वाली बात नहीं थी। जबकि हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम ने यह क्लू दे दिया था की मृतका के पति अब्राहम हेल एक आपराधिक पृष्ठभूमि का व्यक्ति है। कुछ माह पहले विनीता ने अपने पति के खिलाफ एक शिकायत अजाक थाने में की थी। जिसकी जांच चल रही है। अब्राहम हेल का स्थानीय लोयोला स्कूल के एक शिक्षिका से भी अवैध संबंध है। और 2 दिन से वही शिक्षिका रेल्वे के एन ई कॉलोनी में अब्राहम हेल के साथ रह रही है। तो फिर तोरवा पुलिस अब्राहम हेल के विषय में कैसे पता नहीं लगा पाई? तोरवा पुलिस को पीएम रिपोर्ट की बहुत जल्दी बाजी थी। क्योंकि पुलिस को यह अच्छी तरह से पता था कि किसी की मौत के बाद वह जो रिक्विजिशन फॉर्म पीएम करने वाले डॉक्टरके पास भेजेगी डॉक्टर इसके बेस पर पीएम रिपोर्ट तैयार करेगी। इसमें डॉक्टर अधिक मेहनत नहीं करते। जैसे कि विनीता के मौत के रिक्विजिशन फार्म में पुलिस ने लिखा था की महिला ने फांसी लगा ली। और उसके पति ने फांसी के रस्सी को कांटकर उतारा। तो डॉक्टर निश्चित हो गए की विनीता की मौत फांसी से हुई। और उसी आधार पर पीएम रिपोर्ट बना दी। पीएम करने वाले डॉक्टर ने हाइड बोन स्टेटस को नहीं लिखा। सिर्फ एंटी मार्टम हैंगिंग को इस्टैबलिश्ड करने के चक्कर में पोस्टमार्टम हैंगिंग के गहराई तक नहीं गया। यहां के डॉक्टर अभी भी सन 1955 केथ्योरी पर पीएम रिपोर्ट बना रहे हैं। आधुनिक तरीकों का उपयोग ही नहीं कर रहे हैं। इस कारण पीएम फाइंडिंग भी पुरानी ही आ रही है। इसी तरह शहर की दूसरी हाई प्रोफाइल पूजा चौरसिया की रहस्य मय मौत की कहानी भी पुलिस ठीक से सुलझा नहीं पाई। हालांकि पुलिस ने एक व्यक्ति को डॉक्टर पूजा को प्रताड़ित करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया परंतु पुलिस यह पता नहीं लगा पाई की डॉक्टर पूजा सिरगिट्टी के इस सुन सान मकान पर कैसे पहुंची? पुलिस यदि डॉक्टर के सिंपल पीएम रिपोर्ट को आधार मानकर संदिग्धों को निर्दोष साबित करने लगे तो सफेद पोश अपराधों में भारी बढ़ोतरी होगी। और अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे। वैसे भी थानों में पूरे पुलिस स्टाफ अत्यंत व्यस्त रहते हैं। और संदिग्ध मामलों की इन्वेस्टिगेशन सही ढंग से नहीं कर पाते हैं । इस कारण स्पेशल क्राइम इन्वेस्टीगेशन टीम बनाने की अत्यंत जरूरत है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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