Recent Posts

*पीएम एवं एमएलसी करने वाले डॉक्टरो से पुलिस के विवेचक क्या पूछे ( क्वेरी )? जिससे इन्वेस्टिगेशन फूल प्रूफ हो। शहर में घटित बहु चर्चित डॉ पूजा चौरसिया, विनीता साहनी, केजऊ यादव डेथ मिस्ट्री पुलिस के विवेचक द्वारा डीप क्वेरी न करने से अभी तक मिस्ट्री ही बनी है : तपन गोस्वामी [Editet In Chief]*

1 min read

बिलासपुर (01 सितंबर 2024) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] शहर में घटित कई मृत्यु के प्रकरण अभी तक अनसुलझे ही है। इसका एक मुख्य कारण पुलिस के विवेचकों द्वारा पीएम एवं एमएलसी करने वाले डॉक्टरो से मृत्यु संबंधी परफेक्ट एवं मेडिको लीगल प्रश्न ना पूछना। अर्थात परफेक्ट क्वेरी न करना है। अब हम शहर में घटित तीन ताजा रहस्यमय मृत्यु के प्रकरणों का जिक्र कर रहे हैं। जिसकाखुलासा सही ढंग से अभी तक नहीं हो पाया है। और इसका एक महत्वपूर्ण कारण घटना के पश्चात थानों में जांच हेतु किए गए विवेचकों की नियुक्ति से संबंधित है। 6 अप्रैल 2024 को थाना तोरवा से लगे रेल क्वार्टर में रेल अधिकारी विनीता साहनी की फांसी लगने से मौत। इस संवेदनशील मृत्यु की जांच तोरवा थाना के एक कांस्टेबल कर रहा था। जिसे मेडिको लीगल से संबंधित कोई भी टेक्निकल जानकारी नहीं थी। उक्त कांस्टेबल ने पीएम करने वाले डॉक्टर से हैंगिंग एवं स्ट्रगुलेशन से संबंधित वह सवाल ही नहीं पूछे जिससे रेल के महिला अधिकारी विनीता साहनी का पति हत्या के केस में जेल जा सकता था। दूसरा शहर का चर्चित डॉ पूजा चौरसिया डेथ मिस्ट्री। डॉ चौरसिया जिला चिकित्सालय में मेडिकल अधिकारी के पद पर पदस्थ थी। उनके पति डॉ अनिकेत कौशिक सिम्स में पदस्थ है। दोनों के जिंदगी में एक जिम ट्रेनर सूरज पांडे की एंट्री हुई। दिनांक 11 मार्च 2024 को डॉ पूजा चौरसिया की डेड बॉडी थाना सिरगिट्टी के बाबाजी कॉलोनी के एक मकान में फांसी के फंदे में लटकते पाई गई। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस हाई प्रोफाइल डेथ मिस्ट्री की जांच भी सिरगिट्टी थाने के एक कांस्टेबल द्वारा किया गया। जिसमें आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में जिम ट्रेनर सूरज पांडे को गिरफ्तार किया गया। परंतु यह प्रकरण रेप एंड होमिसिडील का था। परंतु पुलिस की विवेचक द्वारा पीएम करने वाले डॉक्टर से वही घिसा पिटा क्वेरी की जिसके कारण होमिसिडिल केस सुसाइडल में बदल गया। अब शहर में घटित केजऊ यादव सस्पेक्टेड डेथ की बात की जाए। वह यहां शहर के प्रतिष्ठित बर सैया ब्रदर्स के यहां ड्राइवर की नौकरी कर रहा था। एक शादी के कार्यक्रम में 6 फरवरी 2023 के देर रात इस युवा ड्राइवर की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। मामला थाना सिविल लाइन का था पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर ने स्पष्ट रूप से एसॉल्ट लिखा था परंतु पुलिस का विवेचक इस एसॉल्ट का मेडिको लीगल व्याख्या सही ढंग से नहीं कर पाए। जिससे केजऊ यादव की मौत धारा 302 से धारा 304 में बदल गई। और इस कांड को अंजाम देने वाले दो युवक एवं एक युवती की जमानत थाने से ही हो गई। अब पुराने कानून की जगह नए कानून बी एन एस भारतीय न्याय संहिता लागू हो गई है। और पुलिस के विवेचको को परफेक्ट इन्वेस्टिगेशन के लिए मेडिकल लीगल क्वेरी की डिप टेक्निकल जानकारी की जरूरत है। तभी हम आरोपियों को सजा दिला पाएंगे। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

About The Author

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *