*एक्स डीन डॉ के के सहारे का सिम्स में फुल गुंडागर्दी। डीन डॉ रामनेश मूर्ति का नेम प्लेट उखड़वाकर फेंका। महिला डॉक्टर से बदतमीजी। डॉ संजय बंजारे, नेता शक्ति बघेल, स्वास्थ्य कर्मी दरस मानिकपुरी डॉ सहारे के साथ गुंडागर्दी में शामिल: तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ]*
बिलासपुर (25 अक्टूबर 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] डॉ के के सहारे मेडिकल कॉलेज ( सिम्स) का एक बदनुमा दाग है। डॉ सहारे को हटाने की ताकत किसी में नहीं थी। परंतु नए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को उन्हें हटाने में आधे घंटे से अधिक का समय नहीं लगा। सिम्स में डीन रहने के दौरान उन्होंने बड़े-बड़े घोटाले किए। जिसकी फेहरिस्त काफी लंबी है। जिसके जांच के आदेश स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दे दिए हैं। जिसमें आयुष्मान घोटाला, स्वास्थ्य उपकरण खरीदी घोटाला, नियुक्ति घोटालो के अलावा और भी घोटाले हैं। और इस संबंध में जानकारी यह आ रही है कि कभी भी डॉ सहारे को पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में ले सकती है। परंतु दो दिनों से सिम्स में आतंक का माहौल बना हुआ है। और इसके जिम्मेदार एक्स डीन डॉ के के सहारे ही है। सिम्स के एक्स डीन डॉ सहारे, डॉ संजय बंजारे, अपने आप को नेता कहने वाले शक्ति बघेल, स्वास्थ्य कर्मी दरस मानिकपुरी एवं शहर के छठे हुए कुछ बदमाश डॉ सहारे के साथ सुबह सिम्स के डीन के चेंबर के सामने पहुंचे। डॉ सहारे पूरी तरह से गुंडागर्दी पर उतारू थे। उन्होंने सबसे पहले वर्तमान डीन डॉ रमनेश मूर्ति का नेम प्लेट उखाड़कर फेंक दिया। और उसकी जगह पर अपना नेम प्लेट लगा दिया। डॉ सहारे के साथ आए व्यक्तियों ने स्वास्थ्य मंत्री, वर्तमान डीन एवं प्रभारी डीन के खिलाफ अप शब्दों का भी प्रयोग किया। और एक नारा लगाया गया वह है गब्बर इस बैक। इस दौरान डॉ सहारे का रोल एक डॉक्टर जैसा नहीं था बल्कि एक प्रोफेशनल गुंडे जैसा लग रहे थे। डॉ सहारे ने कई मंत्रियों के खिलाफ अप शब्दों का भी प्रयोग किया। इसके बाद डॉ सहारे डीन कार्यालय में बल पूर्वक प्रवेश कर गए और फाइलों में हस्ताक्षर करने लगे। जिससे स्वास्थ्य कर्मियों में असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डॉ के के सहारे का कहना है कि उनके निलंबन के आदेश पर हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई है। परंतु डॉ सहारे ने उक्त आदेश का वैधानिक क्रियान्वयन न करते हुए सीधे सिम्स पहुंचकर गुंडागर्दी के बल पर डीन का कार्यभार संभालने का प्रयास किया। और असामाजिक तत्वों का सहारा भी लिया। जबकि डॉ सहारे को हाई कोर्ट के आदेश को शासन के सामने पेश करना था और उनसे दिशा निर्देश लेकर अगला एक्शन लेना था। परंतु डॉ के के सहारे जब सिम्स में पदस्थ थे तब भी हमेशा असामाजिक तत्वों से घिरे रहते थे। और अब जब उन्हें पद से हटा दिया गया तो वे गुंडागर्दी से पद हासिल करना चाहते हैं। डॉ सहारे का यह कृत्य असामाजिक गतिविधियों के तहत आती है। और उनके खिलाफ अपराध पंजीबद होने की आवश्यकता है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)