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*पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा क्या जानता है उसलापुर के मंगलू गोंड के जवान पुत्री की मौत की सच्चाई? मोहित राम केरकेट्टा ने उसलापुर स्थित मंगलू गोंड की जमीन पर कब्जा कर बनाया ओंकार हॉस्पिटल। प्रशासन की जांच जरूरी : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]*

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qqबिलासपुर (30 नवंबर 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा। राजनीति के प्लेटफार्म पर एक दागदार नाम है। कांग्रेस के टिकट से पाली तानाखार विधानसभा चुनाव जीतने के बाद विधायक बने। और दो साल में ही भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। हालांकि श्री केरकेट्टा पाली तानाखार के विधायक थे परंतु उनकी सर्वाधिक चहल कदमी बिलासपुर में ही थी। और उनकी नजर हमेशा सिर्फ सरकारी एवं विवादित जमीनों पर थी। अपनी विधायकी का दम दिखाकर वे उनके द्वारा कब्जा किए गए सरकारी जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाकर उन पर आलीशान बिल्डिंग ठोक देते थे। शहर के विवादित जमीनों को मोहित राम केरकेट्टा औने पौने दामों में खरीद लेते थे। ऐसा ही एक मामला पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा के खिलाफ है। जिसमें बाध्य होकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक्शन लेना पड़ा था। कांग्रेस के विधायक होने के नाते भारी फर्जी बाड़ा करने के बावजूद उनके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध नहीं हुआ था। प्रकरण शहर के कुदुदंड स्थित चर्च ऑफ़ क्राइस्ट मिशन इन इंडिया के कब्रिस्तान के नाम से दर्ज करीब एक एकड़ जमीन की है। जिसकी कीमत करोड़ों में है। परंतु पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा उक्त जमीन का फर्जी दस्तावेज बनाकर अपने बेटे शंकर केरकेट्टा के नाम से मात्र 99 लाख 22 हजार 5 सौ रूपय में खरीद लिया। इस बात की हलचल कांग्रेस शासनकाल में हुई थी। परंतु प्रदेश में बीजेपी के सरकार बनते ही क्रिश्चियन समाज के लोग इस हाई प्रोफाइल फर्जी बाढ़े की शिकायत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से की। मामले की जांच हुई और अपराध होना सही पाया गया। और पूर्व विधायक मोहित केरकेट्टा उनके पुत्र शंकर केरकेट्टा सहित आठ व्यक्तियों के के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध हुआ। पूर्व विधायक मोहित केरकेट्टा अंडरग्राउंड हो गए है। अब पूर्व विधायक मोहित केरकेट्टा का एक नया धोखाधड़ी का मामला प्रकाश में आया है। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम को यह पता चला कि पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा शुरू से ही अपराधिक प्रवृत्ति का है। और जमीनों के फर्जी बाढ़े करना उनका शौक है। उसलापुर के पुल के उस पार एक आदिवासी किसान मंगलू गोंड रहा करते थे। उसलापुर क्षेत्र में उनकी काफी जमीने थी। उस पर मोहित केरकेट्टा की नजर पड़ी। मंगलू को दारू और अय्याशी का शौक था। और इसका पूरा फायदा मोहित केरकेट्टा ने उठाया। और मगलू गोंड को दारू पिलाकर और अय्याशी कराकर जमीनों के फर्जी दस्तावेज बना कर उस पर कब्जा करते गए। इस बीच मंगलू गोंड की मौत हो गई। और उनका एक मात्र वारिशान उनकी पुत्री थी। मोहित केरकेट्टा की नजर मंगलू के जमीनों पर थी एक दिन अचानक मंगलू गोंड की पुत्री का जलने से मौत हो गई। मामला काफी रहस्य पूर्ण था। उस समय मोहित केरकेट्टा ने फैलाया की मंगलू गोंड की पुत्री आत्महत्या की है। पुलिस जांच की परंतु मामला दब गया। अब मोहित केरकेट्टा उस जमीन का फर्जी कागजात बनाकर उसका मालिक बन बैठा। और आज जो उसलापुर में ओंकार हॉस्पिटल है यह जमीन मंगलू गोंड की ही है। और इस जमीन पर मोहित केरकेट्टा एक भव्य भवन बनकर उसे डॉ अभिषेक मिश्रा को प्रतिमाह मोटी रकम पर किराए में अस्पताल चलाने के लिए दे दिया। उसलापुर के ओंकार हॉस्पिटल के पीछे एक मौत की कहानी छिपी हुई है। जिसे हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम अवश्य ही खुलासा करेगी। परंतु इतना जरूर है की पूर्व विधायक मोहित राम केरकेट्टा का पाप का घड़ा भर गया है। और मोहित राम का सेंट्रल जेल बिलासपुर की दूरी लगातार घटती जा रही है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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