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*अपोलो का फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य बिलासपुर के एक विवाहित महिला चिकित्सक से रखा था अवैध संबंध। उनके पति से हुई थी कई बार हाता पाई। बिलासपुर एसईसीएल के स्टाफ जयंत चटर्जी, रहुफ खान, त्रिपुरारी मिश्रा, अवध माथुर का भी बिगड़ा था केस : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]*

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बिलासपुर (08 अप्रैल 2025) [तपन गोस्वामी द्वारा] मध्य प्रदेश पुलिस के आंखों में धूल झोंक कर फरार होने वाले फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान केम आखिर उत्तर प्रदेश पुलिस के आंखों में धूल नहीं झोंक पाया और अंततः प्रयागराज पुलिस के गिरफ्त में आ ही गया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपोलो अस्पताल बिलासपुर में इस फर्जी डॉक्टर की नियुक्ति का आधार एमबीबीएस नहीं बल्कि डीएम कार्डियोलॉजिस्ट पर हुईथी। परंतु एक महत्वपूर्ण बात यह है कि देश का प्रतिष्ठित अपोलो अस्पताल में छोटे से छोटे एवं बड़े से बड़े डॉक्टरो की नियुक्ति ठेका कंपनी करती है। जिसके सदस्य खुद अनपढ़ गवार है। हमें जानकारी मिली है कि जो ठेका कंपनी अपोलो में डॉक्टरों की नियुक्ति करती है उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जांच भी यही ठेका कंपनी करती है। और फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य ने अपने अपोलो बिलासपुर में नियुक्ति के लिए ठेका कंपनी को लाखों रुपए का घुस दिए थे। और इसी आधार पर उनका पेपर ओके हुआ। जहां तक सवाल है पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला का तो उसमें भी उक्त फर्जी डॉक्टर ने ही ऑपरेशन किया था। और उसके बाद वह वहां से भाग गया। उस समय एसईसीएल और अपोलो हॉस्पिटल का कोलैबोरेशन था और उस समय अचानक हार्ट मरीजों की मृत्यु दर बढ़ गया था। एसईसीएल हसदो एरिया के जयंत चटर्जी, बिजुरी कालरी स्टाफ रहुफ खान, चिरमिरी कोयला खान के स्टाफ त्रिपुरारी मिश्रा, झीमर कोयला खान के स्टाफ अवध माथुर भी इसी फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य से इलाज कराए थे और इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। पुलिस को अपोलो प्रबंधन सहित भर्ती कंपनी के खिलाफ थी एक्शन लेनी चाहिए। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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