दुष्कर्म पीड़िता के घर के किसी सदस्य को फंसाने का प्रीपेड स्कीम रतनपुर टी आई कृष्ण कांत सिंह से सीखें। केस के 13 लाख की डीलिंग में एक आरक्षक पर शक की सुई। टीआई आशीष वासनिक के समय भी हुई थी थाने की फजीहत : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (21 मई 2023 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] रतनपुर थाने का फजीहत कराने वाले पूर्व टीआई कृष्णकांत सिंह कि ऐसी स्थिति लाने में थाना हिर्री के एक पूर्व आरक्षक का ही हाथ है। जिसने कुछ माह पहले हिर्री थाने में रहते हुए रात के समय कुछ युवकों को पकड़ा और आरोपी ना बनाने की शर्त पर अपने मोबाइल के फोन पे पर काफी बड़ी रकम ट्रांसफर करवाया था। यह आरक्षक सस्पेंड तो नही हुआ परंतु रतनपुर थाने में पदस्थ होकर चर्चित दुष्कर्म प्रकरण में 13 लाख रुपए के अंडर हैंड डीलिंग में ऐसा गंदा स्क्रिप्ट लिखा की धार्मिक नगरी रतनपुर के थाने की काफी फजीहत कराने के बाद टी आई कृष्णकांत सिंह को लाइन हाजिर करवा दिया। अब रतनपुर के भाई जान परेशान है कि उनका लड़का शेख आफताब तो लंबे से गया। और इधर उधर से जुटाए रकम भी बट्टे खाते में चली गई। और अभी भाई जान के ऊपर बीजेपी का अनुशासन का डंडा भी पड़ने वाला है। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी रतनपुर कृष्णकांत सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। और इस संवेदनशील प्रकरण के जांच के भी आदेश दिए। जिसकी जांच एडिशनल एसपी (ग्रामीण ) राहुल देव शर्मा, एसडीओपी कोटा सिद्धार्थ बघेल एवं टीआई सिविल लाइन परिवेश तिवारी करेंगे। जांच का विषय होगा काउंटर एफ आई आर। जो कि आरोपी शेख अफताब कि रायपुर निवासी बुआ सकीरून् परवीन ने अपने 10 साल के बच्चे से करवाई थी। और इसी फर्जी एफ आई आर से दुष्कर्म पीड़िता की मां जेल चली गई। इस संबंध में जांच टीम रायपुर भी जाएगी और महिला श्रीमती परवीन के विषय में छानबीन करेगी उनके रायपुर एवं बिलासपुर यात्रा का डिटेल भी निकालेगी। जांच टीम दुष्कर्म पीड़िता के केस में जांच नहीं करेगी क्योंकि इस प्रकरण में चालान पेश होने वाला है। सेकंड एफआईआर का मास्टरमाइंड कौन है? और बिना डीलिंग हुए टीआई अपना गर्दन क्यों फसाएगा ? इस बात की भी जांच होगी। सभी के बैंक खाते की भी जांच होगी। और सबसे महत्वपूर्ण बात इस केस के मीडिएटर की भी तलाश होगी। और ऐसे में एक आरक्षक का नाम आ सकता है। इससे पूर्व रतनपुर थाने के पूर्व टीआई आशीष वासनिक के कारण भी कई बार रतनपुर थाना कलंकित हुआ। पहले एक आरोपी की मृत्यु थाने के लॉकअप में, एक रईसजादा दुष्कर्म के आरोपी को मोटी रकम लेकर छोड़ने की घटना। रायपुर के एक कोल ट्रांसपोर्टर के ड्राइवर की हत्या। यह प्रकरण इतना आगे बढ़ा कि बिलासपुर क्राइम ब्रांच के कई अधिकारी एवं स्टाफ बर्खास्त हुए और जेल जाने की भी नौबत भी आई थी। परंतु इतना जरूर है कि थोड़े से पैसे के लिए टीआई ने बहुत घृणित कार्य किया। अब तो यह चारों तरफ चर्चा है कि यदि किसी दुष्कर्म पीड़िता के घर में कोई पुरुष सदस्य ना हो तो उनके घर के महिला सदस्य को किस तरह दुष्कर्म केस में फसाया जाए यह टीआई कृष्णकांत सिंह से सीखें। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )