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बिलासपुर पुलिस को स्पेशल क्राइम इन्वेस्टिगेशन [मर्डर,किडनैपिंग, रॉबरी ] के लिए एक्सपर्ट की टीम बनाने की जरूरत। क्राइम सीन में सबसे पहले फॉरेंसिक टीम पहुंचे। रोड कवर्ड हो, डेड बॉडी का लेआउट बने, और तुरंत ही व्हीकल मुब्मेंट का भी पता लगाया जाए। थानों के टी आई कार्य की अधिकता के कारण स्पेशल क्राईम इन्वेस्टिगेशन सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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  • बिलासपुर (10 जून 2023)[तपन गोस्वामी द्वारा ] शहर में बढ़ते हाई प्रोफाइल क्राइम और वह भी पूरे फुल प्रूफ प्लानिंग के साथ अंजाम दिया जा रहा है। जिसके इन्वेस्टिगेशन में थानों में पदस्थ टी आई सक्षम नजर नहीं आ रहे हैं। क्योंकि उनके ऊपर साधारण केस, जांच करना, आरोपियों को गिरफ्तार करना, डायरी पेश करना, और फिर चालान। पूरा दिन इसमें बीत जाता है। और प्रतिदिन वीआईपी मूवमेंट। कुछ समय से बिलासपुर में स्पेशल क्राइम जैसे कि बाहर से शूटर बुलाकर हत्या के घटना को अंजाम देना। स्वर्ण आभूषण की दुकान में फायरिंग कर लूट के घटना को अंजाम देना, ब्लैक मनी रिकवरी और अपहरण एवं हत्या। जनता के दिमाग में एक सवाल है कि अपराधों का पुलिस जल्दी से खुलासा क्यों नहीं करती ? परंतु यह संभव नहीं है। 14 दिसंबर 2022 को शहर में घटित संजू त्रिपाठी हत्याकांड को जिस तरह से अंजाम दिया गया है और थाना सकरी के स्टाफ उसी दिन बिना फॉरेंसिक टीम बुलाए घटनास्थल को डिस्टर्ब किया है उससे अन्वेषण काफी प्रभावित हुआ है। घटना के पूरे 16 वे दिन रायपुर से फॉरेंसिक टीम सीन क्रिएट की और वह भी बिना शूटर के। जबकि उस समय तक क्राइम सीन में घटना के समय मूवमेंट करने वाले कुछ बदमाशों को पकड़ा जा चुका था। उस जांच में भी कुछ सवाल उठे थे। अभी 6 जून 2023 कोचिंग स्टूडेंट यश साहू की डेड बॉडी दिनदहाड़े ओपन एरिया में फेंक दिया गया था। परंतु सिरगिट्टी पुलिस न तो फॉरेंसिक टीम बुलवाई, न तो रोड को क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन के लिए ब्लॉक किया और न ही यश साहू के डेड बॉडी का लेआउट बनवाया। पुलिस सिर्फ देखती रही। ऐसे समय में यदि कोई स्पेशल क्राइम इन्वेस्टीगेशन टीम हो तो इस तरह के केस की पूरी इन्वेस्टिगेशन की जिम्मेदारी उन पर होगी। और ऐसे में टीआई को जल्दबाजी में आरोपी को पकड़ने का प्रेशर नहीं होगा। यश साहू मर्डर केस में यह पता लगाना जरूरी है कि कार से डेड बॉडी जिस एंगल से थ्रो किया गया है क्या वह कार मारुति ब्रेजा न CG 10 A J 0261 ही है? अपहरण एवं यश साहू के हत्या का मामला बहुत ही हाईप्रोफाइल एवं प्रोफेशनल स्टेटस का है। और अब शहर में इस तरह की घटनाएं शुरू हो गई है। और ऐसी स्थितियों को देखते हुए प्रोफेशनल इन्वेस्टिगेटर्स एवं फॉरेंसिक एक्सपर्ट को लेकर एक स्पेशल क्राइम इन्वेस्टीगेशन की टीम के गठन की जरूरत है। अभी जो एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट का गठन किया गया है उनके स्टाफ अपराधियों को पकड़ कर लाने में तो माहिर है परंतु परफेक्ट इन्वेस्टिगेशन, घटित क्राइम के तह तक जाकर सही तथ्यों एवं आरोपियों का पता लगाने का काम एक कुशल इन्वेस्टिगेटर का है। और इसके बाद व्यस्त टीआई द्वारा किए गए इन्वेस्टिगेशन में जो कमी आती है वह नहीं रहेगी।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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