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सहारा इंडिया रायगढ़ के लोकल सेक्टर मैनेजर अमृत श्रीवास के खिलाफ एफ आई आर के बाद और गिरफ्तारियां तेज होगी। सीएम भूपेश बघेल ने पुलिस को चिटफंड के मामले में लोकल सेक्टर मैनेजर एवं एजेंटों की गिरफ्तारी नहीं बल्कि उनसे सहयोग लेने हेतु आदेशित किया था। तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर (26 जनवरी 2023 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] पुलिस की टेढ़ी नजर अब सहारा इंडिया परिवार के लोकल सेक्टर मैनेजर एवं लोकल एजेंटों पर है। रायगढ़ से इसकी शुरुआत हो चुकी है। रायगढ़ पुलिस ने सहारा इंडिया परिवार के लोकल सेक्टर मैनेजर अमृत श्री वास के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 34 व छ.ग. निपेक्षक का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 एवं इनामी चिटफंड धन चालान स्कीम 1978 की धारा पुलिस 78 की धारा 3,4,5 जैसे गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया। हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ में रायगढ़ सहारा इंडिया परिवार के सेक्टर मैनेजर अमृत श्रीवास के अग्रिम जमानत के आवेदन धाराओं की गंभीरता को देखते हुए जमानत आवेदन निरस्त कर दिया। और तब से अमृत श्रीवास भागा भागा फिर रहा है। सहारा इंडिया का हो या किसी दूसरी चिटफंड कंपनी इनके लोकल सेक्टर मैनेजर, एजेंट अभी काफी परेशान है। प्रतिदिन सुबह स्थानीय निवेश कर्ता एजेंटों के घर पहुंच कर उनके साथ बदतमीजी करते हुए गिरफ्तार करवाने की धमकी दे रहे हैं। इन सब बातों से परेशान होकर सहारा इंडिया परिवार के सेक्टर मैनेजर एवं एजेंट गण पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिले परंतु अभी तक कोई संतोषप्रद परिणाम सामने नहीं आए। इधर रायगढ़ पुलिस ने सहारा इंडिया परिवार के सेक्टर मैनेजर अमृत श्री वास के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर यह संकेत दे दिया है कि आने वाले दिनों में सहारा इंडिया परिवार से जुड़े पदाधिकारियों एवं एजेंटों की गिरफ्तारियां में तेजी आएगी। वास्तव में चिटफंड कंपनी के सभी स्थानीय पदाधिकारी एवं एजेंट काफी परेशानी में है। प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ चल रहे पुलिस की मुहिम से यह काफी भयभीत है। इन सब स्थितियों को देखते हुए प्रदेशभर के चिटफंड के स्थानीय पदाधिकारी एवं एजेंट गण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिले इनकी बातों को श्री बघेल ने गंभीरता से सुना और उन्होंने स्पष्ट शब्दों में पुलिस को यह दिशा निर्देश दिया कि चिटफंड कंपनी के भागने वाले बाहरी डायरेक्टरों को खोज कर लाओ और उन्हें खोजने में कंपनी के स्थानीय पदाधिकारी एवं एजेंटों को सहयोग ले। परंतु यहां तो पुलिस स्थानीय लोगों को गिरफ्तार कर रही है। यही स्थिति सहारा इंडिया का भी है। सहारा इंडिया में राज्य के इन्वेस्टरो के करोड़ों रुपए फंसे हैं। परंतु इसके लिए स्थानीय पदाधिकारी एवं एजेंट कतई जिम्मेदार नहीं है। पुलिस इस बात को समझे और स्थानीय पदाधिकारी एवं एजेंटों का पक्ष में कोई सशक्त दिशानिर्देश तैयार करें। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेट वर्क )

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