*आई जी बिलासपुर रेंज बी एन मीणा का कहना है कि, अपराधी बचने न पाए। परंतु कुछ थानों में अपराधी फंसने ना पाए। सिविल लाइन थाना क्षेत्र के चर्चित दुष्कर्म एवम पास्को एक्ट के आरोपी कमजोर इन्वेस्टिगेशन के कारण दोषमुक्त हुए* :*तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]*
बिलासपुर (22 अप्रैल 2023 ) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] जब से आई जी बद्रीनारायण मीणा बिलासपुर रेंज का प्रभार लिए है तब से उन्होंने बेहतर कानून व्यवस्था, स्मार्ट पुलिसिंग, गंभीर प्रकृति के अपराधों में प्रोफेशनल स्तर का इन्वेस्टिगेशन, चालान तैयार करते समय गंभीरता एवं सूक्ष्मता से प्रकरण का अध्ययन करने के साथ ही कोर्ट से दोष मुक्ति के प्रकरणों की पुनः जांच एवं अन्वेषण अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही पर अधिक बल दिए है। और श्री मीणा समय-समय पर रेंज के सभी पुलिस अधिकारियों की समीक्षा बैठक बुलाकर अपराधों की समीक्षा भी कर रही है। अक्सर यह देखा जाता है कि किसी भी थाने के अन्वेषण अधिकारी के लापरवाही के कारण कमजोर एवं अपरिपक्व चालान कोर्ट में पेश कर दिया जाता है और आरोपियों को उन कमजोर चालान के बदौलत कोर्ट से दोष मुक्त हो जाता है। और जिससे प्रभावित पक्ष को न्याय नहीं मिल पाता है। सिविल लाइन थाना के एक चर्चित दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट में सभी आरोपी दोषमुक्त हो गए हैं। यह प्रकरण अभी भी आईजी बी एन मीणा के पास नहीं पहुंचा है। सिविल लाइन थाने के दुष्कर्म एवं पास्को एक्ट के प्रकरण में पुलिस की जबरदस्त लापरवाही थी। जिसमें जानबूझकर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया था और काफी समय बात आरोपियों को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत भी मिल गई थी। और ट्रायल के पश्चात आरोपियों को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है। यह सब कमाल इस केस की जांच कर रहे हैं अन्वेषण अधिकारी का है। जिसने दुष्कर्म कि शिकार युवती की उम्र को व्हाइटनर लगाकर अस्पष्ट किया। जिसका पूरा पूरा फायदा आरोपियों को मिला। इसी तरह अन्य थाना में भी यही बात है। एफ आई आर से लेकर फील्ड इन्वेस्टिगेशन, मैटेरियल कलेक्शन, मेडिकल रिपोर्ट, कथन, डायरी, एवं चालान पेश करने तक यही सब बातें फुलप्रूफ होनी चाहिए। और तभी दोषियों को सजा मिल पाएगी। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेट वर्क )