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पत्रकारों के लिए आतंक की पर्याय बन चुकी एसडीओपी खरसिया निमिषा पांडे पत्रकार कैलाश गर्ग को दे रही है खुलेआम धमकी। थाना सरकंडा में सी एस पी रहने के दौरान निमिषा पांडे का कार्यकाल रहा सबसे घटिया : तपन गोस्वामी [ editor-in-chief ]

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बिलासपुर (13 अगस्त 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] एसडीओपी निमिषा पांडे एक ऐसा नाम है जो कि पुलिस विभाग की छवि को लगातार धूमिल करती आ रही है। कुछ समय पहले निमिषा पांडे सरकंडा की सी एस पी थी। उस समय निमिषा पांडे का टार्गेट मोपका के कुख्यात भूमाफिया या जमीन दलाल नहीं थे बल्कि निमिषा पांडे का टार्गेट भू माफिया एवं जमीन दलालों से त्रस्त जमीन मालिक थे जो शिकायत लेकर सरकंडा जाते थे। जांच का जिम्मा सीएसपी निमिषा पांडे के पास थी। परंतु वे बार-बार अपने ऑफिस के स्टेनो से शिकायतकर्ता को बुलवाकर लगातार परेशान किया करती थी। मोपका प. ह. न. 19/29 खसरा नंबर 993 (1) घ से संबंधित एक शिकायत जमीन फर्जीवाड़ा करने वाली महिला एवं पूर्व विद्युत मंडल कमी संध्या एवं एक भू माफिया के खिलाफ शिकायत कर्ता सरकंडा थाने में जांच के लिए दिया। प्रकरण तत्कालीन सीएसपी सरकंडा निमिषा पांडेय के पास गया तो वे कुख्यात जमीन के फर्जीवाड़ा करने वाले संध्या एवं एक भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए संध्या से मोटी रकम लेकर संध्या के बयान एवं गिरफ्तारी से बचा ली थी। जब निमिषा पांडेय सरकंडा की सीएसपी थी तो उस समय सीपत के एक गांव में रहने वाली कुख्यात युवती सविता गुलेरी एवं उसकी बहन दोनों ने मिलकर आतंक फैला कर रखी थी। दोनों बहने भोले भले आदमियों को फंसा कर उनसे पैसा वसूलती थी। इन दोनों बहनों का आतंक शहर एवं आसपास बहुत अधिक था। सविता गुलेरी नामक युवती एवं उसकी बहन के जाल में सरकंडा थाने के 112 के दो युवा पुलिस स्टाफ फंस गए। परंतु तत्कालीन सीएसपी निमिषा पांडे बिना जांच किए दो पुलिस स्टाफ को जेल भेज कर उनके कैरियर में दाग लगा दिया। अब मामला खरसिया का है। जहां पर निमिषा पांडे एसडीओपी खरसिया ने एक 70 वर्षीय वरिष्ठ पत्रकार एवं खरसिया प्रेस क्लब यूनिट के अध्यक्ष कैलाश गर्ग को देर रात व्हाट्सएप कॉल पर धमकी दे रही है। धमकी देने का कारण वरिष्ठ पत्रकार श्री गर्ग द्वारा एसडीओपी महोदया के खिलाफ सत्य वचन है। अब इस मामले को लेकर खरसिया के पत्रकार काफी नाराज है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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