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*लोक सभा चुनाव 2024, विधान सभा चुनाव की करारी हार से उबर नहीं पा रही है कांग्रेस। बिलासपुर लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी का प्रचार आक्रामक नही। जीत की पूर्व घोषणा के वावजूद बीजेपी प्रत्याशी तोखन साहू का प्रचार जबरदस्त : तपन गोस्वामी [ Editor In Chief]*

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  • बिलासपुर (29 अप्रैल 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] लोकसभा चुनाव 2024 बिलासपुर लोकसभा में मतदान 7 मई को संपन्न होना है। परंतु भारतीय जनता पार्टी विधानसभा चुनाव की तरह ही पूरे चुनावी मैनेजमेंट , बूथ मैनेजमेंट, कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारी देकर चुनावी समर में उतर गए हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस से लड़ रही थी। बड़े नेताओं एवं आम जनता का यह कहना था कि भूपेश सरकार से पार पाना काफी मुश्किल है। भाजपा नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं ने भी यह मान लिया था कि कांग्रेस की भूपेश सरकार रिपीट कर रही है। परंतु विधानसभा चुनाव चुनाव से 1 साल पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टीम द्वारा ऐसी चुनावी रणनीति बनाई जो सामने तो नहीं दिख रही थी परंतु अंडर करंट इतना जबरदस्त था कि छत्तीसगढ़ राज्य के पूरे जिले, ब्लॉक, के कार्यकर्ता जबरदस्त रूप से सक्रिय हो गए। भाजपा केंद्रीय कार्यालय से उन्हें टास्क दे दिया गया था कि कांग्रेस के कार्यकाल में जहां भी दंगे वगैरा हुए वहां जाकर सरकार का जबरदस्त विरोध करें। भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे को भी बहुत ही प्रभावी ढंग से उठाएं। इस तरह से एक्शन में आने के बाद परिस्थिति भाजपा के पक्ष में होतीगई। और इसके पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का छत्तीसगढ़ दौरा और यह नारा की बदल के रहीबो। जनता को भा गया। बीजेपी सुप्रीमो जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह का दौरा भी बहुत काम आया। और प्रदेश की फिजा पूरी तरह से बदल गई। और बीजेपी 5 साल के बाद पुनः सत्ता में काबिज हो गई। परंतु लोकसभा चुनाव की स्थिति एकदम अलग है। राज्य में अब अब बीजेपी की सरकार है। शासन प्रशासन बीजेपी के साथ है। परंतु इसके बावजूद लोकसभा चुनाव की तैयारी में बीजेपी कोई कमी नहीं कर रही है। इधर कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। बिलासपुर लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव चुनाव प्रचार तो कर रहे हैं परंतु नेताओं एवं कार्यकर्ताओं में पहले जैसा उत्साह नहीं है। आज चुनार प्रचार में राहुल गांधी आए थे परंतु वे भी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार नहीं कर पाए हैं। इधर भाजपा प्रत्याशी तोखन साहू की जीत की भविष्यवाणी हो चुकी है परंतु इसके बावजूद वे यह देख रहे हैं कि चुनाव प्रचार में कोई कमी न रह जाए। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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बिलासपुर (14 मार्च 2825) [तपन गोस्वामी द्वारा] शहर सरकार की बहु प्रतीक्षित 14 सदस्य की पावरफुल कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति होली के पहले कर दी गई है। हमारे लिए या कहें शहर की जनता के लिए मेयर और काउंसिल अर्थात ( एम आई सी ) के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के कैबिनेट मंत्रियों से कम नहींहै। क्योंकि नगर निगम में मेयर इन काउंसिल के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के आधार पर की जाती है। यहां पर पूजा विधानी की टीम में बिलासपुर विधानसभा के 8 सदस्य, बेलतरा विधानसभा से 3 सदस्य, बिल्हा विधानसभा से दो एवं तखतपुर से एक सदस्य को शामिल किया है। इसमें सबसे अधिक बिलासपुर विधानसभा से है। इनमें सिर्फ सुनीता जगत ही एक ऐसी पार्षद है जो की पहली बार चुनकर आई है। बाकी सदस्यों में श्याम साहू पांच बार के पार्षद है जिन्हें स्वास्थ्य विभाग का प्रभार मिला है। विजय ताम्रकार तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग मिला है। बंधु मौर्य तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें लोक कर्म ( पी डब्लू डी) विभाग मिला है। प्रकाश यादव तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें सामान्य प्रशासन एवं विधि विधाई विभाग सोपा गया। इसी तरह मोती गंगवानी तीन बार के पार्षद है जिन्हें वित्त लेखा एवं अंकेक्षण विभाग का दायित्व दिया गया है। दिनेश देवांगन दो बार के पार्षद हैं जिन्हें समाज कल्याण विभाग की अहम जिम्मेदारी दीगई है। इसी तरह संजय यादव तीन बार के पार्षद है जिन्हें मेयर इन काउंसिल में संस्कृति, पर्यटन एवं मनोरंजन विभाग का दायित्व दिया गया है। सुनीता जगत पहली बार की पार्षद है जिन्हें अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग की अहम जिम्मेदारी दी गई है। महापौर पूजा विधानी काफी समय से सक्रिय राजनीति में है। उनके पति अशोक विधानी नगर निगम सभापति और कांग्रेस शासन काल में नेता प्रतिपक्ष थे। और श्रीमती विधानी निगम के राजनीति को बहुत ही नजदीक से देखी है। इस कारण उन्हें निगम प्रशासन को हैंडल करने में बहुत अधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। जब अमर अग्रवाल कैबिनेट मंत्री थे तब बिलासपुर शहर के लिए स्वर्णिमयुग था। अरबों रुपए के बजट का पाई पाई हिसाब होता था। शहर का विकास भी हुआ परंतु इसके बाद जब कांग्रेस की सरकार आई तो पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल को पूरे 5 साल हर दूसरे माह धरना आंदोलन में बैठना पड़ा था। इसमें कार्यकर्ताओं के साथ ही आम जनता का भी काफी सहयोग मिला था। क्योंकि आम जनता उस समय निगम प्रशासन से काफी त्रस्त थे। अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। केंद्र में पहले से ही बीजेपी की सरकार है। और अब नगर निगम में भी बीजेपी काबिज है इस तरह हम कह सकते हैं कि प्रदेश में अब ट्रिपल इंजन की सरकार है। बिलासपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के लिए लाडला एवं प्यार शहर है। प्रतिदिन वे बिलासपुर के लिए कोई ना कोई घोषणा कर ही रहे हैं। इस कारण शहर को सुंदर, व्यवस्थित करने पीने के पानी की समस्या दूर करने, गरीबों को आवास, रेडी पट्टी वालों को उनके कारोबार के लिए उचित जगह, और रोजगार के बजट में किसी भी तरह की कमी नहीं आने देंगे। परंतु सबसे पहले पूजा विधानी को निगम में काफी समय से बैठकर दीमक की तरह चट कर रहे अधिकारियों की खबर लेनी पड़ेगी। शहर में कई अरब रुपए के अवैध निर्माण बनकर निगम को ठेंगा दिख रहा है। उन पर कार्रवाई कर राजस्व वसूलने के साथ ही कई करोड़ रुपए के बकाया टैक्स वसूलने की जरूरतहै। यदि इसमें मेयर इन काउंसिल के मेंबर और पार्षद भाई भतीजे बाद और दोस्ताना ताल्लुकात बनाएंगे तो निगम की स्थिति और भी बदहाल हो जाएगी। परंतु इस मामले पर राज्य शासन काफी सख्त है। निगम में घूसखोरी, भ्रष्टाचार, टेंडर घोटाले पर भी रहेगी शासन की जासूसी नजर ।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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