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*शहर में नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट: महापौर महिला सीट पर अभी संसय कायम। प्रत्याशी चयन में बीजेपी के अमर अग्रवाल, सुशांत शुक्ला, कांग्रेस के शैलेश पांडे एवं अटल श्रीवास्तव की होगी महत्वपूर्ण भूमिका। महिला प्रत्याशी बीजेपी पूजा विधानी कांग्रेस शहजादी कुरैशी पर कार्यकर्ताओं की राय सुमारी होगी : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ]*

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बिलासपुर (09 अक्टूबर 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] दशहरे के बाद से ही नगर निगम चुनाव की सक्रियता काफी बढ़ जाएगी। प्रदेश में पहले विधानसभा और उसके बाद लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की। सन 2018 में कांग्रेस ने 15 साल के बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था। उसे समय भाजपा की लोकप्रियता का ग्राफ काफी गिर गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की जनता में अपनी पकड़ काफी मजबूत कर ली थी। इस बीच विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरे राज्य में कई बार चुनावी दौरा हुआ। श्री मोदी अपने भाषण में राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए कथित घोटाले जैसे कि पीएम आवास योजना, जल ग्रहण मिशन, राशन घोटाला, बिजली बिल घोटालों की बात करते थे उस समय पीएम आवास घोटाला भी आम जनता को प्रत्यक्ष दिख रहा था। और आम जनता पर इसका ऐसा प्रभाव पड़ा की बीजेपी पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ गई। इसके पश्चात लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी बिलासपुर की अपने परंपरागत सीट भी भारी बहु मत से जीत गई। यह तो रही विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव की बात। जिसका चुनाव काफी हाई प्रोफाइल स्टेटस से होते है। परंतु अब रही नगर निगम चुनाव की बात इस चुनाव को जनता अपना चुनाव मानती है। क्योंकि जनता को ही अपने नगर सरकार चुननी है। जहां तक सवाल है पार्षद प्रत्याशी का यहां भी वार्ड वाले अपने मनपसंद प्रत्याशी का चयन करती है। जो की इजी अवेलेबल होते हैं आवश्यकता पड़ने पर रात दस बजे के बाद भी जनता की सेवा में जनता के साथ खड़े होते हैं। और जहां तक सवाल है महापौर का वह भी आम जनता को इजी अवेलेबल चाहिए। जैसे कि वर्तमान महापौर रामचरण यादव, पूर्व महापौर किशोर राय एवं स्व उमा शंकर जायसवाल। परंतु पूर्व महापौर वाणी राव इजी अवेलेबल महापौर नहीं थी। उनसे सामान्य आदमी को मिलने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता था। इसी तरह से अब महापौर के लिए बीजेपी प्रत्याशी पूजा विधानी का नाम आ रहा है। उनके विषय में जनता एवं कार्यकर्ता काफी सोचेगी क्योंकि उनके पति अशोक विधानी काफी समय से नगर सरकार के काफी प्रभावशाली पद पर रहे। परंतु तोरवा का विकास जिस स्पीड से होनी चाहिए वैसा नहीं हो पाया। तोरवा में 70% मकान नगर निगम के बिना परमिशन के बन कर खड़े हैं। बड़े-बड़े मकान है परंतु न तो एंबुलेंस घुस सकती है, और न ही फायर ब्रिगेड घुस सकती है। छोटी कार भी बहुत मुश्किल से घुसती है। वाहन पार्किंग की भी तोरवा में बहुत समस्या है। इस कारण तोरवा की जनता में काफी असंतोष है। तो ऐसे में पूजा विधानी को टिकट देने से पहले काफी सोच विचार करने की जरूरत है। कांग्रेस के लिए तेज तर्रार शहजादी कुरैशी का नाम चल रहा है। परंतु कांग्रेस वर्तमान नगर निगम चुनाव पूरी तरह कार्यकर्ताओं के पसंद एवं नापसंद को आधार मानकर लड़ेगी। इस कारण बीजेपी हाई कमान नगर विधायक अमर अग्रवाल के चुनावी मैनेजमेंट पर चलेगी। बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला को भी अहम जिम्मेदारी मिलने की संभावना है। साथ ही कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेश पांडे एवं कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव को कांग्रेस हाई कमान द्वारा नगर निगम चुनाव में महत्वपूर्णजिम्मेदारी देने की चर्चा चल रही है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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बिलासपुर (14 मार्च 2825) [तपन गोस्वामी द्वारा] शहर सरकार की बहु प्रतीक्षित 14 सदस्य की पावरफुल कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति होली के पहले कर दी गई है। हमारे लिए या कहें शहर की जनता के लिए मेयर और काउंसिल अर्थात ( एम आई सी ) के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के कैबिनेट मंत्रियों से कम नहींहै। क्योंकि नगर निगम में मेयर इन काउंसिल के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के आधार पर की जाती है। यहां पर पूजा विधानी की टीम में बिलासपुर विधानसभा के 8 सदस्य, बेलतरा विधानसभा से 3 सदस्य, बिल्हा विधानसभा से दो एवं तखतपुर से एक सदस्य को शामिल किया है। इसमें सबसे अधिक बिलासपुर विधानसभा से है। इनमें सिर्फ सुनीता जगत ही एक ऐसी पार्षद है जो की पहली बार चुनकर आई है। बाकी सदस्यों में श्याम साहू पांच बार के पार्षद है जिन्हें स्वास्थ्य विभाग का प्रभार मिला है। विजय ताम्रकार तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग मिला है। बंधु मौर्य तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें लोक कर्म ( पी डब्लू डी) विभाग मिला है। प्रकाश यादव तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें सामान्य प्रशासन एवं विधि विधाई विभाग सोपा गया। इसी तरह मोती गंगवानी तीन बार के पार्षद है जिन्हें वित्त लेखा एवं अंकेक्षण विभाग का दायित्व दिया गया है। दिनेश देवांगन दो बार के पार्षद हैं जिन्हें समाज कल्याण विभाग की अहम जिम्मेदारी दीगई है। इसी तरह संजय यादव तीन बार के पार्षद है जिन्हें मेयर इन काउंसिल में संस्कृति, पर्यटन एवं मनोरंजन विभाग का दायित्व दिया गया है। सुनीता जगत पहली बार की पार्षद है जिन्हें अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग की अहम जिम्मेदारी दी गई है। महापौर पूजा विधानी काफी समय से सक्रिय राजनीति में है। उनके पति अशोक विधानी नगर निगम सभापति और कांग्रेस शासन काल में नेता प्रतिपक्ष थे। और श्रीमती विधानी निगम के राजनीति को बहुत ही नजदीक से देखी है। इस कारण उन्हें निगम प्रशासन को हैंडल करने में बहुत अधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। जब अमर अग्रवाल कैबिनेट मंत्री थे तब बिलासपुर शहर के लिए स्वर्णिमयुग था। अरबों रुपए के बजट का पाई पाई हिसाब होता था। शहर का विकास भी हुआ परंतु इसके बाद जब कांग्रेस की सरकार आई तो पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल को पूरे 5 साल हर दूसरे माह धरना आंदोलन में बैठना पड़ा था। इसमें कार्यकर्ताओं के साथ ही आम जनता का भी काफी सहयोग मिला था। क्योंकि आम जनता उस समय निगम प्रशासन से काफी त्रस्त थे। अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। केंद्र में पहले से ही बीजेपी की सरकार है। और अब नगर निगम में भी बीजेपी काबिज है इस तरह हम कह सकते हैं कि प्रदेश में अब ट्रिपल इंजन की सरकार है। बिलासपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के लिए लाडला एवं प्यार शहर है। प्रतिदिन वे बिलासपुर के लिए कोई ना कोई घोषणा कर ही रहे हैं। इस कारण शहर को सुंदर, व्यवस्थित करने पीने के पानी की समस्या दूर करने, गरीबों को आवास, रेडी पट्टी वालों को उनके कारोबार के लिए उचित जगह, और रोजगार के बजट में किसी भी तरह की कमी नहीं आने देंगे। परंतु सबसे पहले पूजा विधानी को निगम में काफी समय से बैठकर दीमक की तरह चट कर रहे अधिकारियों की खबर लेनी पड़ेगी। शहर में कई अरब रुपए के अवैध निर्माण बनकर निगम को ठेंगा दिख रहा है। उन पर कार्रवाई कर राजस्व वसूलने के साथ ही कई करोड़ रुपए के बकाया टैक्स वसूलने की जरूरतहै। यदि इसमें मेयर इन काउंसिल के मेंबर और पार्षद भाई भतीजे बाद और दोस्ताना ताल्लुकात बनाएंगे तो निगम की स्थिति और भी बदहाल हो जाएगी। परंतु इस मामले पर राज्य शासन काफी सख्त है। निगम में घूसखोरी, भ्रष्टाचार, टेंडर घोटाले पर भी रहेगी शासन की जासूसी नजर ।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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