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*महापौर पूजा विधानी की 14 सदस्यीय पावरफुल शहर कैबिनेट से जनता को बहुत है आशा। लंबे समय से शहर के नागरिक हो रहे हैं त्रस्त। शहर को स्वच्छ पानी, आवास, अच्छी निकासी हो उच्च प्राथमिकता। निगम में घूसखोरी, रकम लेकर अवैध निर्माण, नेतागिरी, टेंडर के लिए दादागिरी, राजनीतिक पहुंच को अब दरकिनार करना पड़ेगा : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]*

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बिलासपुर (14 मार्च 2025 )[तपन गोस्वामी द्वारा] शहर सरकार की बहु प्रतीक्षित 14 सदस्य की पावरफुल कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति होली के पहले कर दी गई है। हमारे लिए या कहें शहर की जनता के लिए मेयर और काउंसिल अर्थात ( एम आई सी ) के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के कैबिनेट मंत्रियों से कम नहींहै। क्योंकि नगर निगम में मेयर इन काउंसिल के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के आधार पर की जाती है। यहां पर पूजा विधानी की टीम में बिलासपुर विधानसभा के 8 सदस्य, बेलतरा विधानसभा से 3 सदस्य, बिल्हा विधानसभा से दो एवं तखतपुर से एक सदस्य को शामिल किया है। इसमें सबसे अधिक बिलासपुर विधानसभा से है। इनमें सिर्फ सुनीता जगत ही एक ऐसी पार्षद है जो की पहली बार चुनकर आई है। बाकी सदस्यों में श्याम साहू पांच बार के पार्षद है जिन्हें स्वास्थ्य विभाग का प्रभार मिला है। विजय ताम्रकार तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग मिला है। बंधु मौर्य तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें लोक कर्म ( पी डब्लू डी) विभाग मिला है। प्रकाश यादव तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें सामान्य प्रशासन एवं विधि विधाई विभाग सोपा गया। इसी तरह मोती गंगवानी तीन बार के पार्षद है जिन्हें वित्त लेखा एवं अंकेक्षण विभाग का दायित्व दिया गया है। दिनेश देवांगन दो बार के पार्षद हैं जिन्हें समाज कल्याण विभाग की अहम जिम्मेदारी दीगई है। इसी तरह संजय यादव तीन बार के पार्षद है जिन्हें मेयर इन काउंसिल में संस्कृति, पर्यटन एवं मनोरंजन विभाग का दायित्व दिया गया है। सुनीता जगत पहली बार की पार्षद है जिन्हें अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग की अहम जिम्मेदारी दी गई है। महापौर पूजा विधानी काफी समय से सक्रिय राजनीति में है। उनके पति अशोक विधानी नगर निगम सभापति और कांग्रेस शासन काल में नेता प्रतिपक्ष थे। और श्रीमती विधानी निगम के राजनीति को बहुत ही नजदीक से देखी है। इस कारण उन्हें निगम प्रशासन को हैंडल करने में बहुत अधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। जब अमर अग्रवाल कैबिनेट मंत्री थे तब बिलासपुर शहर के लिए स्वर्णिमयुग था। अरबों रुपए के बजट का पाई पाई हिसाब होता था। शहर का विकास भी हुआ परंतु इसके बाद जब कांग्रेस की सरकार आई तो पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल को पूरे 5 साल हर दूसरे माह धरना आंदोलन में बैठना पड़ा था। इसमें कार्यकर्ताओं के साथ ही आम जनता का भी काफी सहयोग मिला था। क्योंकि आम जनता उस समय निगम प्रशासन से काफी त्रस्त थे। अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। केंद्र में पहले से ही बीजेपी की सरकार है। और अब नगर निगम में भी बीजेपी काबिज है इस तरह हम कह सकते हैं कि प्रदेश में अब ट्रिपल इंजन की सरकार है। बिलासपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के लिए लाडला एवं प्यार शहर है। प्रतिदिन वे बिलासपुर के लिए कोई ना कोई घोषणा कर ही रहे हैं। इस कारण शहर को सुंदर, व्यवस्थित करने पीने के पानी की समस्या दूर करने, गरीबों को आवास, रेडी पट्टी वालों को उनके कारोबार के लिए उचित जगह, और रोजगार के बजट में किसी भी तरह की कमी नहीं आने देंगे। परंतु सबसे पहले पूजा विधानी को निगम में काफी समय से बैठकर दीमक की तरह चट कर रहे अधिकारियों की खबर लेनी पड़ेगी। शहर में कई अरब रुपए के अवैध निर्माण बनकर निगम को ठेंगा दिख रहा है। उन पर कार्रवाई कर राजस्व वसूलने के साथ ही कई करोड़ रुपए के बकाया टैक्स वसूलने की जरूरतहै। यदि इसमें मेयर इन काउंसिल के मेंबर और पार्षद भाई भतीजे बाद और दोस्ताना ताल्लुकात बनाएंगे तो निगम की स्थिति और भी बदहाल हो जाएगी। परंतु इस मामले पर राज्य शासन काफी सख्त है। निगम में घूसखोरी, भ्रष्टाचार, टेंडर घोटाले पर भी रहेगी शासन की जासूसी नजर ।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)


 

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बिलासपुर (14 मार्च 2825) [तपन गोस्वामी द्वारा] शहर सरकार की बहु प्रतीक्षित 14 सदस्य की पावरफुल कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति होली के पहले कर दी गई है। हमारे लिए या कहें शहर की जनता के लिए मेयर और काउंसिल अर्थात ( एम आई सी ) के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के कैबिनेट मंत्रियों से कम नहींहै। क्योंकि नगर निगम में मेयर इन काउंसिल के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के आधार पर की जाती है। यहां पर पूजा विधानी की टीम में बिलासपुर विधानसभा के 8 सदस्य, बेलतरा विधानसभा से 3 सदस्य, बिल्हा विधानसभा से दो एवं तखतपुर से एक सदस्य को शामिल किया है। इसमें सबसे अधिक बिलासपुर विधानसभा से है। इनमें सिर्फ सुनीता जगत ही एक ऐसी पार्षद है जो की पहली बार चुनकर आई है। बाकी सदस्यों में श्याम साहू पांच बार के पार्षद है जिन्हें स्वास्थ्य विभाग का प्रभार मिला है। विजय ताम्रकार तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग मिला है। बंधु मौर्य तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें लोक कर्म ( पी डब्लू डी) विभाग मिला है। प्रकाश यादव तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें सामान्य प्रशासन एवं विधि विधाई विभाग सोपा गया। इसी तरह मोती गंगवानी तीन बार के पार्षद है जिन्हें वित्त लेखा एवं अंकेक्षण विभाग का दायित्व दिया गया है। दिनेश देवांगन दो बार के पार्षद हैं जिन्हें समाज कल्याण विभाग की अहम जिम्मेदारी दीगई है। इसी तरह संजय यादव तीन बार के पार्षद है जिन्हें मेयर इन काउंसिल में संस्कृति, पर्यटन एवं मनोरंजन विभाग का दायित्व दिया गया है। सुनीता जगत पहली बार की पार्षद है जिन्हें अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग की अहम जिम्मेदारी दी गई है। महापौर पूजा विधानी काफी समय से सक्रिय राजनीति में है। उनके पति अशोक विधानी नगर निगम सभापति और कांग्रेस शासन काल में नेता प्रतिपक्ष थे। और श्रीमती विधानी निगम के राजनीति को बहुत ही नजदीक से देखी है। इस कारण उन्हें निगम प्रशासन को हैंडल करने में बहुत अधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। जब अमर अग्रवाल कैबिनेट मंत्री थे तब बिलासपुर शहर के लिए स्वर्णिमयुग था। अरबों रुपए के बजट का पाई पाई हिसाब होता था। शहर का विकास भी हुआ परंतु इसके बाद जब कांग्रेस की सरकार आई तो पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल को पूरे 5 साल हर दूसरे माह धरना आंदोलन में बैठना पड़ा था। इसमें कार्यकर्ताओं के साथ ही आम जनता का भी काफी सहयोग मिला था। क्योंकि आम जनता उस समय निगम प्रशासन से काफी त्रस्त थे। अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। केंद्र में पहले से ही बीजेपी की सरकार है। और अब नगर निगम में भी बीजेपी काबिज है इस तरह हम कह सकते हैं कि प्रदेश में अब ट्रिपल इंजन की सरकार है। बिलासपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के लिए लाडला एवं प्यार शहर है। प्रतिदिन वे बिलासपुर के लिए कोई ना कोई घोषणा कर ही रहे हैं। इस कारण शहर को सुंदर, व्यवस्थित करने पीने के पानी की समस्या दूर करने, गरीबों को आवास, रेडी पट्टी वालों को उनके कारोबार के लिए उचित जगह, और रोजगार के बजट में किसी भी तरह की कमी नहीं आने देंगे। परंतु सबसे पहले पूजा विधानी को निगम में काफी समय से बैठकर दीमक की तरह चट कर रहे अधिकारियों की खबर लेनी पड़ेगी। शहर में कई अरब रुपए के अवैध निर्माण बनकर निगम को ठेंगा दिख रहा है। उन पर कार्रवाई कर राजस्व वसूलने के साथ ही कई करोड़ रुपए के बकाया टैक्स वसूलने की जरूरतहै। यदि इसमें मेयर इन काउंसिल के मेंबर और पार्षद भाई भतीजे बाद और दोस्ताना ताल्लुकात बनाएंगे तो निगम की स्थिति और भी बदहाल हो जाएगी। परंतु इस मामले पर राज्य शासन काफी सख्त है। निगम में घूसखोरी, भ्रष्टाचार, टेंडर घोटाले पर भी रहेगी शासन की जासूसी नजर ।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

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