Recent Posts

*छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में हरियाणा मॉडल लागू कर 14 मंत्री पद हो सकते हैं स्वीकृत। सबकी नजर बिलासपुर पर। अमर अग्रवाल को मिलेगी पावरफुल कैबिनेट मंत्री का पद। बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक को भी मिलेगी कैबिनेट का दर्जा : तपनगोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]*

1 min read

बिलासपुर (24 दिसंबर 2024)[तपन गोस्वामी द्वारा] छत्तीसगढ़ मंत्रीमंडल के विस्तार की जानकारी बाहर आने पर सत्ता पक्ष के विधायकों की धड़कने तेज होने लगी है। शीतकालीन विधानसभा सत्र में भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा काफी जोर-जोर से हुई। पूरे विधानसभा में बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल एवं बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक के नेक्स्ट मिनिस्टर बनने की चर्चा चली। दिल्ली के बीजेपी की राजनीति में छत्तीसगढ़ एक महत्वपूर्ण पार्ट है। क्योंकि नक्सली समस्या के स्थाई समाधान के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कई बार छत्तीसगढ़ आए। उनकी ऐसी रणनीति बनी की अब हमारे फोर्स नक्सलियों के मांद में घुसकर उन्हें मार रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति इतनी सफल रही की छत्तीसगढ़ के घोर जंगल में रहकर अपना वर्चस्व कायम करने की कोशिश करने वाले नक्सली भी जान बचाकर पास के राज्यों में छिप रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का इस बार का दौरा काफी महत्वपूर्ण रहा। अपने व्यस्ततम कार्यक्रम के बाद भी श्री नड्डा मंत्रिमंडल विस्तार के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से चर्चा किए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का अचानक दिल्ली दौरा हुआ। हमारे दिल्ली स्थित प्रतिनिधि ऋषि रंजन ने हमें जानकारी दि की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एक दिन पहले छत्तीसगढ़ भवन दिल्ली से देर रात सीधे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पहुंचे उनके मध्य काफी देर बात हुई। जानकार सूत्रों ने माना की दोनों के मध्य सिर्फ छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ही चर्चा हुई। और हरियाणा मॉडल की तरह छत्तीसगढ़ में भी मंत्रिमंडल में 14 मंत्री हो सकते हैं। अभी 11 मंत्री ही है। अब बात बिलासपुर की है तो अभी यहां से कोई भी मंत्री नहीं है। बिलासपुर की जनता को इस बात को लेकर थोड़ा दुख जरूर है। और सामने नगर निगम चुनाव भी है। और बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व नगर निगम चुनाव में किसी भी तरह की कोई रिस्क लेना नहीं चाह रहे हैं। और यह बात सभी को अच्छी तरह मालूम है कि विधायक अमर अग्रवाल द्वारा तैयार किया गया चुनावी मैनेजमेंट फूल प्रूफ होता है। इस बार विधानसभा चुनाव में भी अमर अग्रवाल का चुनावी मैनेजमेंट ही रहा जिसके बदौलत कांग्रेस का चुनावी समीकरण पूरी तरह से बिगड़ गया था। जिस वार्ड से बीजेपी हारती थी वहां इस बार बीजेपी का बहुत अच्छा परफॉर्मेंस रहा। और बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व नगर निगम चुनाव के आचार संहिता लगने के पहले ही बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल को कैबिनेट मंत्री बनाने का मन बना लिया है। इस संबंध में बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व बिल्हा विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक को भी निराश नहीं करेंगे। निश्चित तौर पर इन्हें भी कैबिनेट मंत्री के पद पर सुशोभित करने की तैयारी चल रही है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

About The Author

More Stories

1 min read

बिलासपुर (14 मार्च 2825) [तपन गोस्वामी द्वारा] शहर सरकार की बहु प्रतीक्षित 14 सदस्य की पावरफुल कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति होली के पहले कर दी गई है। हमारे लिए या कहें शहर की जनता के लिए मेयर और काउंसिल अर्थात ( एम आई सी ) के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के कैबिनेट मंत्रियों से कम नहींहै। क्योंकि नगर निगम में मेयर इन काउंसिल के सदस्यों की नियुक्ति विधानसभा के आधार पर की जाती है। यहां पर पूजा विधानी की टीम में बिलासपुर विधानसभा के 8 सदस्य, बेलतरा विधानसभा से 3 सदस्य, बिल्हा विधानसभा से दो एवं तखतपुर से एक सदस्य को शामिल किया है। इसमें सबसे अधिक बिलासपुर विधानसभा से है। इनमें सिर्फ सुनीता जगत ही एक ऐसी पार्षद है जो की पहली बार चुनकर आई है। बाकी सदस्यों में श्याम साहू पांच बार के पार्षद है जिन्हें स्वास्थ्य विभाग का प्रभार मिला है। विजय ताम्रकार तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग मिला है। बंधु मौर्य तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें लोक कर्म ( पी डब्लू डी) विभाग मिला है। प्रकाश यादव तीन बार के पार्षद हैं जिन्हें सामान्य प्रशासन एवं विधि विधाई विभाग सोपा गया। इसी तरह मोती गंगवानी तीन बार के पार्षद है जिन्हें वित्त लेखा एवं अंकेक्षण विभाग का दायित्व दिया गया है। दिनेश देवांगन दो बार के पार्षद हैं जिन्हें समाज कल्याण विभाग की अहम जिम्मेदारी दीगई है। इसी तरह संजय यादव तीन बार के पार्षद है जिन्हें मेयर इन काउंसिल में संस्कृति, पर्यटन एवं मनोरंजन विभाग का दायित्व दिया गया है। सुनीता जगत पहली बार की पार्षद है जिन्हें अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग की अहम जिम्मेदारी दी गई है। महापौर पूजा विधानी काफी समय से सक्रिय राजनीति में है। उनके पति अशोक विधानी नगर निगम सभापति और कांग्रेस शासन काल में नेता प्रतिपक्ष थे। और श्रीमती विधानी निगम के राजनीति को बहुत ही नजदीक से देखी है। इस कारण उन्हें निगम प्रशासन को हैंडल करने में बहुत अधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। जब अमर अग्रवाल कैबिनेट मंत्री थे तब बिलासपुर शहर के लिए स्वर्णिमयुग था। अरबों रुपए के बजट का पाई पाई हिसाब होता था। शहर का विकास भी हुआ परंतु इसके बाद जब कांग्रेस की सरकार आई तो पूर्व कैबिनेट मंत्री अमर अग्रवाल को पूरे 5 साल हर दूसरे माह धरना आंदोलन में बैठना पड़ा था। इसमें कार्यकर्ताओं के साथ ही आम जनता का भी काफी सहयोग मिला था। क्योंकि आम जनता उस समय निगम प्रशासन से काफी त्रस्त थे। अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। केंद्र में पहले से ही बीजेपी की सरकार है। और अब नगर निगम में भी बीजेपी काबिज है इस तरह हम कह सकते हैं कि प्रदेश में अब ट्रिपल इंजन की सरकार है। बिलासपुर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के लिए लाडला एवं प्यार शहर है। प्रतिदिन वे बिलासपुर के लिए कोई ना कोई घोषणा कर ही रहे हैं। इस कारण शहर को सुंदर, व्यवस्थित करने पीने के पानी की समस्या दूर करने, गरीबों को आवास, रेडी पट्टी वालों को उनके कारोबार के लिए उचित जगह, और रोजगार के बजट में किसी भी तरह की कमी नहीं आने देंगे। परंतु सबसे पहले पूजा विधानी को निगम में काफी समय से बैठकर दीमक की तरह चट कर रहे अधिकारियों की खबर लेनी पड़ेगी। शहर में कई अरब रुपए के अवैध निर्माण बनकर निगम को ठेंगा दिख रहा है। उन पर कार्रवाई कर राजस्व वसूलने के साथ ही कई करोड़ रुपए के बकाया टैक्स वसूलने की जरूरतहै। यदि इसमें मेयर इन काउंसिल के मेंबर और पार्षद भाई भतीजे बाद और दोस्ताना ताल्लुकात बनाएंगे तो निगम की स्थिति और भी बदहाल हो जाएगी। परंतु इस मामले पर राज्य शासन काफी सख्त है। निगम में घूसखोरी, भ्रष्टाचार, टेंडर घोटाले पर भी रहेगी शासन की जासूसी नजर ।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *