बिलासपुर (16 मार्च 2025) [तपन गोस्वामी द्वारा] बिलासपुर तहसील कार्यालय कई बड़े एवं कई करोड़ के प्रकरण के बाद बिलासपुर तहसील को काफी संवेदनशील माना गया है। मोपका, कोनी, चिल्हाटी मोड, श्यामां विहार कॉलोनी, अशोक नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, पुराना बस स्टैंड के कई करोड़ की सरकारी जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाकर इसी बिलासपुर तहसील के कंप्यूटर में पटवारीयो , राजस्व निरीक्षकों एवं बाहरी कंप्यूटर ऑपरेटरो के माध्यम से भुईया पोर्टल में चढ़ाकर करोड़ों की धोखाधड़ी की गई है। पूरे प्रदेश में तहलका मचा देने वाले भोंदू दास मानिकपुरी सरकारी जमीन घोटाला कांड की ब्लूप्रिंट भी बिलासपुर तहसील के कंप्यूटर से ही बनी थी। बिलासपुर तहसील के पूर्व कुख्यात तहसीलदार नारायण प्रसाद गवेल बाहर के कंप्यूटर ऑपरेटरो को रखकर राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियो से मिलकर करोड़ों की सरकारी जमीनो को निजी व्यक्तियों को बेचकर करोड़पति बन गए। नारायण प्रसाद गवेल के खिलाफ एफ आई आर भी दर्ज है। कभी भी उसकी गिरफ्तारी हो सकती है। इतने बड़े-बड़े जमीन घोटाले कांड बिलासपुर तहसील में घटित हो गए हैं परंतु तहसील प्रशासन अभी भी काफी लापरवाह है। कलेक्टर अवनीश शरण ने एसडीएम एवं तहसीलदारों की बैठक लेकर तहसील में चल रही लापरवाही एवं अनियमीतता के संबंध में रोष व्यक्त किया था। परंतु उसका कोई खास असर नहीं दिखा। हमारे समाचार में जो यूनिफॉर्म पहने व्यक्ति कंप्यूटर के सामने बैठकर काम कर रहा है वह न तो एसपी कार्यालय का दृश्य है और न ही होमगार्ड कार्यालय का। यह दृश्य बिलासपुर तहसील के कंप्यूटर कक्ष का है। जहां पर राजस्व संबंधी कार्य के साथ ही शासन के अत्यंत संवेदनशील रिकॉर्ड रखे जाते हैं। बिलासपुर तहसील कार्यालय के कंप्यूटर कक्ष में बैठा यह होमगार्ड स्टाफ अनधिकृत रूप से बैठकर शासकीय कार्य कर रहा है। और पब्लिक के भी कार्य को निपटा रहा है। अब सवाल यह है कि इस होमगार्ड स्टाफ को बिलासपुर तहसील में शासकीय कार्य करने का अधिकार किसने दिया?( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क)