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एसईसीएल मुख्यालय के 6 कर्मचारी नौकरी कर रहे हैं फर्जी सर्टिफिकेट पर। बग देवा माइंस के कार्तिक राम, माइनिंग सरदार प्रयाग प्रसाद तमनार माइंस एवं प्रभात कुमार विश्वकर्मा बिश्रामपुर माइंस सहित कई फर्जी सर्टिफिकेट एवम दूसरे के नाम से कर रहे हैं केंद्र सरकार की नौकरी : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर (30 नवंबर 2022 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक निजी व्यक्ति ने एक बाद दायर कर एसईसीएल कार्यालय एवं खदान क्षेत्र में अच्छे-अच्छे पदों पर काम कर रहे कई कर्मचारियों के फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करने एवं किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर नौकरी करने का मुद्दा उठाया था। हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ में सुनवाई के बाद शिकायत सही निकला और फर्जी सर्टिफिकेट के मामले एवं किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर काम कर रहे हैं व्यक्तियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करने के लिए कहा। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम इस मुद्दे पर अपनी जांच आगे बढ़ाएं तो जानकारी प्राप्त हुई कि एसईसीएल मुख्यालय के 6 कर्मचारी जो कि अच्छे-अच्छे पदों पर कार्यरत है अपनी नियुक्ति के समय से ही फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे हैं। इसमें से चार अन्य प्रांतों के हैं। किसी व्यक्ति के प्रमाणित शिकायत के आधार पर एसईसीएल के सीएमडी ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाते हुए इन हाउस इन्वेस्टिगेशन भी करवाई थी और रिपोर्ट एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर के विजिलेंस शाखा को भेजा गया परंतु वहां अच्छी मोटी अंडर हैंड डीलिंग हुई जिससे फाइल वही के वही दब गई। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम के पास 1 लंबी चौड़ी लिस्ट है जिसमें एसईसीएल में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर एवं दूसरे व्यक्ति के नाम पर काम करने वालों के नाम है। कुछ ऐसे ही कर्मचारी हैं जो रिटायर्ड होने तक दूसरे व्यक्ति के नाम पर नौकरी कर रहे थे। ऐसे ही एक नाम निरंजन बारीक का है जोकि बग देवा माइंस में सीनियर स्टाफ के रूप में कार्य थे और सन 2021 में रिटायर्ड हुए थे। महाशय अब तक कार्तिक राम पिता झुंकू राम के नाम से एसईसीएल में नौकरी करते हुए करोड़ों रुपए कमा लिए और अभी उन्हें पेंशन भी मिल रहा है। निरंजन बारिक उर्फ कार्तिक राम के दोनों बच्चे विदेश में है और उनके पासपोर्ट में उनके पति का सही नाम निरंजन बारिक अंकित है। इसी तरह बिश्रामपुर कोयला खान मैं सीनियर ड्रग लाइन इंजीनियर प्रभात कुमार विश्वकर्मा फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी कर रहे थे। इसी तरह तमनार कोयला खदान में माइनिंग सरदार के पद पर कार्यरत प्रयाग प्रसाद बिहार से हैं वे प्रारंभ से ही फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे हैं। एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर को सभी बातें पता है परंतु तगड़ी अंडर हैंड डीलिंग के कारण अधिकारियों एवं कर्मचारियों की फर्जी सर्टिफिकेट एवं दूसरों के नाम पर नौकरी करने की रियल स्टोरी दबी हुई है। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )

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