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मोपका करोड़ों का जमीन घोटाला कांड। संजय तिवारी एवं अशोक गोरख एक कुख्यात भू माफिया के प्यादे है। एसईसीएल के भोला चक्रवर्ती, संदीपन बनर्जी, महुआ राय, विप्लव दास, अजय पाल, भूदेव सेन शर्मा, शौकत अली, प्रतिमा दास ने गवा दी अपनी मेहनत की कमाई : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर (07 मार्च 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] भोले भाले मध्यम वर्गीय सरकारी रिटायर्ड कर्मचारियों को मोपका के सरकारी जमीनों को दिखाकर उनके फर्जी दस्तावेज बनाकर बेचने वालों के ऊपर अभी तक की गई कार्यवाही जीरो है। मोपका में एक फ्राड संस्था है जिसका नाम सरकारी गृह निर्माण समिति है। जो की पूरी तरह फर्जी है। इस संस्था का पंजीयन कहीं से भी नहीं है। इस संस्था के कथित अध्यक्ष अशोक गोरख एवं उपाध्यक्ष संजय तिवारी दोनों एक फर्जी व्यक्ति है। जबकि नियमतः नाम के अनुरूप सरकारी गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सचिव को सरकारी नौकरी में होना या सरकारी नौकरी से रिटायर्ड होना आवश्यक है। परंतु अशोक गोरख एवं संजय तिवारी दोनों जमीन दलाल है। इनके ग्राहक फसाने की स्टाइल अर्थात मोड्स ऑपरेंडी के विषय में हम आपको बताएंगे। इस फर्जी संस्था के अशोक गोरख, संजय तिवारी एवं इनके चट्टे बट्टे की नजर एसईसीएल एवं सीएमपीडीआई के रिटायर्ड अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर रहती है। संजय तिवारी जो अपने आप को इस फर्जी समिति का उपाध्यक्ष बताता है। यह व्यक्ति अपने आपको एसईसीएल का भूत पूर्व अधिकारी बताता है। और नौकरी से वीआरएस लेने की बात कहकर एसईसीएल के रिटायर्ड कर्मचारियों को जाल में फंसा कर मोपका के विवादित जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाकर ऊंचे दामों में बेच देता है। इसमें अशोक गोरख भी शामिल है। हमारे न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम को इस संबंध में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई है। इसके अनुसार अशोक गोरख एवं संजय तिवारी स्वयं सरकारी जमीन पर कब्जा कर आलीशान मकान बनाकर रह रहा है। और यही मकान दिखाकर लोगों को बेवकूफ बनाता रहता है। हमारी न्यूज़ टीम को यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि अशोक गोरख एवम संजय तिवारी जबरदस्त सेटिंग एसईसीएल के कोल माइंस प्रोविडेंट फंड (सीएमपीएफ ) सरकंडा थाने से बगल से लगे ऑफिस के कुछ प्रभावशाली अधिकारियों से है। जो एसईसीएल एवं सीएमपीडीआई से रिटायर्ड होने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लिस्ट बनाकर अशोक गोरख एंड कंपनी को देता है। इस लिस्ट में स्टाफ की पोस्टिंग की जगह, पीएफ में जमा राशि, स्टाफ का बैंक डिटेल, ग्रेच्युटी की जानकारी एवम स्टाफ के मोबाइल नंबर जिसमें पीएफ का अकाउंट अटैच रहता है। इस लिस्ट के प्राप्त हो जाने के बाद अशोक गोरख एवं संजय तिवारी को एसईसीएल के कर्मियों को बेवकूफ बनाने में आसानी हो जाती है। इस लिस्ट के एवज में दोनों कुख्यात सीएमपीएफ के अधिकारियों को मोटी रकम देता है। हमें इस बात की भी पुख्ता जानकारी मिली है कि अशोक गोरख एवं संजय तिवारी इस समिति का मात्र एक प्यादा है इसे चलाने वाले शहर का एक कुख्यात भूमाफिया है। फर्जी सरकारी गृह निर्माण समिति के अशोक गोरख एवं संजय तिवारी द्वारा ठगे जाने वालो की एक शॉर्ट लिस्ट मिली है जिसमें एसईसीएल के रिटायर्ड स्टाफ के नाम शामिल है। जिनके नाम भोला चक्रवर्ती, संदीपन बनर्जी, महुआ राय, विप्लव दास, अजय पाल, भूदेव सेन शर्मा, शौकत अली, प्रतिमा दास इन्होंने अपनी जिंदगी भर की गाड़ी कमाई इस फर्जी समिति में गवा दी। लिस्ट अभी और भी लंबी है। पैसा वापस मांगने और पुलिस में शिकायत करने की बात पर यह दोनों फर्जी आदमी इन प्रभावितों को धमकी देता है कि हमारी बहुत ऊंची पहुंच है हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इस फर्जी समिति की जांच तहसीलदार अतुल वैष्णव द्वारा की जा रही है। परंतु यह समिति जांच का विषय नहीं है। क्योंकि इस समिति के पास किसी भी तरह का वैधानिक दस्तावेज नहीं है। और यह चिटफंड कंपनी जैसा काम कर रही है। इस कारण इनके कार्यालय से सभी दस्तावेज सीज कर ऑफिस को सील करने के पश्चात दोनों फर्जी पदाधिकारियों के साथ ही इनके साथ रहने वाले चंगू मंगू को गिरफ्तार कर इनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध करने की आवश्यकता है। साथ ही उस भू माफिया को भी गिरफ्तार करने की जरूरत है जो इस फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड है। ( ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेट वर्क )

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