ऑपरेशन रमन चौकसे। नायब तहसीलदार राहुल शर्मा, रा.नि. जूना बिलासपुर अशोक सोनी, माल खाना जमादार एवं पुलिस बल। मन्नू चौक टिकरापारा रमन चौकसे परिवार पर कहर बनकर टूटे। इसे कहते हैं सरकारी गुंडागर्दी। राहुल शर्मा नक्सल एरिया के लिए है फिट : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
1 min read- बिलासपुर (14 जून 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] आपने अब तक यूपी बिहार में गुंडों एवं माफियाओं द्वारा किसी की जमीन, मकान, दुकान कब्जे करते देखा होगा। यह व्यवस्था गुंडों एवं माफियाओं की अपनी है। जिसमें गाड़ियों से भरकर गुंडे आते हैं घर या दुकान का ताला तोड़कर उसमें रखे सामान ले जाते हैं। और अपना ताला लगा देते हैं। परंतु यह गुंडागर्दी की घटना अन्य राज्य का नही है बल्कि शहर के व्यस्ततम चौक मन्नू चौक टिकरापारा की है। और दुकान खाली कराने कोई गुंडे नहीं बल्कि बिलासपुर तहसील के चर्चित नायब तहसीलदार राहुल शर्मा, राजस्व निरीक्षक जूना बिलासपुर अशोक सोनी, माल जमादार एवं पुलिस फोर्स का है। सभी शासकीय कर्मी इसमें से एक नायब तहसीलदार राहुल शर्मा राजपत्रित अधिकारी। परंतु काम पूरी तरह असामाजिक तत्वों जैसा है। कुछ ही महीने में राज्य में विधानसभा चुनाव है। और इसके पहले आदर्श आचार संहिता लगने वाली है। तो इस तरह के अधिकारी यह नहीं देख रहे हैं कि इसे शासन की छवि खराब हो रही है। और आम जनता के मन में नायब तहसीलदार राहुल शर्मा के प्रति गलत भाव पनप रहे है। तहसील की पूरी टीम दोपहर के 11:30 बजे मन्नू चौक टिकरापारा के तीनों दुकानों पर पहुंची जिसका वास्तविक मालिकाना हक शहर के प्रतिष्ठित रमन चौकसे के पास है। जिस भूमि पर दुकान स्थापित है उसका खसरा नंबर 226/13 रकवा 640 वर्ग फीट है। इसमें तीन दुकानें हैं। आज जो कार्रवाई हुई ठीक उसी तरह की अवैधानिक कार्यवाही दिनांक 17 अप्रैल 2023 को हुई थी। यही तहसील के अधिकारी सिटी कोतवाली की भारी पुलिस बल लेकर रमन चौकसे के तीनों दुकानों में नायब तहसीलदार राहुल शर्मा ने ताला जड़ दिया था। और आज वही टीम आकर भारी दहशत फैलाते हुए रमन चौकसे के तीनों दुकानों के ताले खोलकर उसमें रखे कीमती सामान, पूरे अकाउंट्स रजिस्टर, कैश बॉक्स, कंप्यूटर सिस्टम, हार्ड डिस्क, कीमती फर्नीचर्स को तोड़फोड़ करते हुए पूरे बल प्रयोग के साथ ट्रकों में लादकर तहसील ले गए। और तहसील के इन अधिकारियों का रमन चौकसे के परिवार के सदस्यों के साथ व्यवहार इतना घटिया था कि आम जनता जो घटनास्थल में थे इन अधिकारियों से काम कराने के बाद भी दूर इनका चेहरा देखना पसंद नहीं कर रहे हैं। दुकानों के चाबी अवैधानिक रूप से किसी दिनेश गुप्ता को दे दी गई। जबकि इस संपत्ति का विवाद मान. न्यायालय में विचाराधीन है। और जिस प्रॉपर्टी को नायब तहसीलदार न जाने किस लालच से विवादित बनाने का प्रयास कर रहे हैं, इस प्रॉपर्टी का विधिवत नामांतरण एवं डायवर्सन भी हुआ है। और सन 2018 में श्रीमती शर्मा का दान पत्र एवं वैधानिक रजिस्ट्री रमन चौकसे के नाम हुआ है। इस घटना को देखने के बाद शहर के नागरिकों का कहना है कि राहुल शर्मा अब इस शहर के लायक नहीं है जितना जल्दी हो सके इनका ट्रांसफर नक्सल एरिया में किया जाए ताकि वहां जाकर नक्सलियों से भरपूर गुंडागर्दी करें।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )