सिम्स के वर्तमान डीन डॉ के के सहारे के लापरवाही के कारण एन एम सी (राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ) की ऑनलाइन सुनवाई में डीन की खबर ली। डॉ सहारे के लापरवाही के कारण मेडिकल कॉलेज की रुक सकती है मान्यता : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (19 जून 2023 ) [तपन गोस्वामी द्वारा ] सिम्स के वर्तमान डीन डॉ के के सहारे मेडिकल कॉलेज को मजाक समझ कर रखे हैं। 100 से 150 देने तक अवैधानिक रूप से कॉलेज में अनुपस्थित रहने वाले डीन एमबीबीएस छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सिम्स बिलासपुर के इस मेडिकल कॉलेज से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव एवं नगर विधायक शैलेश पांडे का बहुत अधिक लगाव है। और किसी भी तरह की ऐसी लापरवाही जिससे यहां अध्ययनरत एमबीबीएस के छात्रों को परेशानी हो सकती है यह बर्दाश्त नहीं करेंगे। रायपुर में अपने दिल दिमाग छोड़कर आने वाले सिम्स के डीन डॉ के के सहारे इतने लापरवाह है कि उन्हें यह पता ही नहीं होता है दिल्ली की एनएमसी (राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ) ऑनलाइन सुनवाई पर रहेंगे। उनकी इंस्पेक्शन के बाद ही सिम्स के आगे की मान्यता बढ़ाने पर निर्णय लिया जाएगा। समय पर एनएमसी की टीम ऑनलाइन सुनवाई पर बैठी। परंतु सिम्स की अव्यवस्था देखकर टीम काफी नाराज हुए। 180 एमबीबीएस के स्टूडेंट के लिए न तो फैकल्टी है और न ही संसाधन। एन एमसी की टीम को इस बात की चिंता है कि बच्चे इस तरह के अव्यवस्था में कैसे एमबीबीएस की पढ़ाई पूरा करेंगे? और इसके बाद इंस्पेक्शन टीम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि आप 180 एमबीबीएस स्टूडेंट के पढ़ाई की समुचित एवं व्यवस्थित स्थिति का निर्माण नहीं कर पाएंगे तो हमें आपके मेडिकल कॉलेज के आगामी मान्यता के लिए सोचना पड़ेगा। अब डॉ के के सहारे ने एनएमसी टीम का गुस्सा सिम्स के डॉक्टरों पर उतारा। एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए दिनांक 17 जून 2023 को ऑनलाइन सुनवाई और अव्यवस्था का खुलासा होने पर सभी डॉक्टर के ग्रीष्मकालीन अवकाश रद्द करते हुए मेडिकल कॉलेज में अभिलंब उपस्थित होने का आदेश जारी किया। परंतु बात यह है कि यदि डीन स्वयं अव्यवस्था, गंदी पॉलिटिक्स एवं संकीर्ण विचारधारा के तहत डॉक्टरों को परेशान करेंगे तो सिम्स की व्यवस्था कैसे सुधरेगी ? (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )