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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गरीबों को छत प्रदान कर रहा है। निगम इंजीनियर सुरेश बरुआ गरीबों का छत छीन रहा है। इनके खासम खास निगम संविदा कर्मी अनिल विश्वकर्मा कर रहा है ठगी। निगमायुक्त श्री दुदावत ध्यान दें : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]

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बिलासपुर (05 जुलाई 2023) [तपन गोस्वामी द्वारा ] निगम इंजीनियर सुरेश बरुआ ने किस इंजीनियरिंग कॉलेज से डिग्री प्राप्त की ? कौन सी ब्रांच में बी ई की यह किसी को नहीं मालूम परंतु स्मार्ट सिटी आने के बाद शहर की दुर्दशा एवं एक ही पानी की झटके में शहर का हाल बेहाल और शहर के घटिया प्लानिंग ऐसे इंजीनियरों के डिग्री पर कई संदेह पैदा कर देते हैं। कितने कमिश्नर आए परंतु सुरेश बरुआ जैसे इंजीनियरों के कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाया। भ्रष्टाचार तो ऐसे की की इनके सामने मेहुल चोकसी जैसे स्टार भ्रष्टाचारी भी फेल हो जाए। जो भी डिपार्टमेंट देखो उसका बॉस कौन? निगम के तथाकथित इंजीनियर सुरेश बरुआ। सुरेश बरुआ को एक आयुक्त अच्छी तरह पहचान गए थे। और उन्हें इसके योग्यता पर शक हो गया था। और हो भी क्यों न क्योंकि आयुक्त साहब तत्कालीन सीबीआई डायरेक्टर के दामाद थे। और उनसे सुरेश बरुआ अपनी सुरक्षित दूरी बना कर रखे थे। अब सवाल है संजय नगर चांडीडीह के 1231 परिवार के छत का सहारा छीन जाना। जिसे निगम का तथाकथित इंजीनियर सुरेश बरुआ ने झूठे आरोप लगाकर बुलडोजर से ढहा दिया। सुरेश बरुआ का कहना है कि यह आवास शुल्क 5 हजार रुपए नहीं पटाए है इस कारण इन पर कार्यवाही हुई। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जहां पर गरीबों के सर के ऊपर छत देने के लिए नई नई योजनाएं बनाकर उन्हें क्रियान्वित कर रहा है परंतु बिलासपुर नगर निगम के भ्रष्ट इंजीनियर सुरेश बरुआ गरीबों के सर के ऊपर से छत छीन रहा है । अब हम आपको बता दें कि सुरेश बरुआ काफी समय से एक संविदा कर्मी इंजीनियरिंग डिग्री धारी अनिल विश्वकर्मा को अपना राइट हैंड बना कर रखा है। सारे उल्टे सीधे काम इसी के माध्यम से होता है। और वह संविदा कर्मी अनिल विश्वकर्मा आवास कक्ष में ही बैठता है। आवास के मैटर पर सुरेश बरुआ अनिल विश्वकर्मा को बताता है कि किसे आवास देना है, किसे नहीं देना है और कितना रकम किससे लेना है। शहर के बहु चर्चित आवास घोटाला संविदा कर्मी अनिल विश्वकर्मा एवं सुरेश बरुआ की ही देन है। जब विवाद बढ़ा मामला पुलिस के पास गई तो सुरेश बरुआ ने कह दिया की रसीद फर्जी है। और निगम से जारी नहीं हुआ। जबकि सारी रशीद सुरेश बरुआ के कहने पर संविदा कर्मी अनिल विश्वकर्मा ने जारी किया था। यही अनिल विश्वकर्मा है जो की निगम के सारे भ्रष्ट अधिकारियों की ब्लैक मनी को सुरक्षित जगह पर रखता है। क्योंकि सुरेश बरुआ को हमेशा यह डर रहता है कहीं उनके यहां छापे न पड़ जाए। काफी समय से जमे सुरेश बरुआ का रिटायरमेंट तिथि नहीं आ रही है। निगमायुक्त कुणाल दुदावत सुरेश बरुआ एवं संविदा कर्मी अनिल विश्वकर्मा के संबंधों की जांच करें। और साथ ही सुरेश बरुआ के शैक्षणिक दस्तावेजों की भी जांच करें। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क ) i

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