स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल। सीएमएचओ डॉ राजेश शुक्ला स्वास्थ्य सेवा को पटरी में लाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। परंतु सिम्स के डीन डॉ सहारे जिम्मेदारी को छोड़कर कुछ खास महिलाओं को साड़ी बांटने में लगे है। : तपन गोस्वामी [editor-in-chief ]
बिलासपुर (06 जुलाई 2023) [ तपन गोस्वामी द्वारा ] प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों के चल रहे हड़ताल से प्रदेशभर की चिकित्सा व्यवस्था चरमराने लग गई है। इस महत्वपूर्ण बात को स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ चिकित्सक एवं कर्मचारी बहुत अच्छी तरह से समझ रहे हैं। इसके विपरीत बिलासपुर शहर में पले बढ़े यहां के आम जनता के जिंदगी से जुड़े एवं तत्कालीन जिला चिकित्सालय में अपनी लंबी सेवा देने वाले डॉ राजेश शुक्ला वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग की प्रतिष्ठा पूर्ण पद सीएमएचओ का पद संभाल रहे हैं। डॉ शुक्ला ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल को बहुत ही गंभीरता से लिया। उन्होंने सिम्स ही नहीं बल्कि जिला चिकित्सालय के साथ पूरे जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था का संचालन सही ढंग से हो और मरीजों को कोई परेशानी ना हो इस बात को देखते हुए जिले में स्थित नर्सिंग कॉलेजों के प्रशिक्षु नर्सिंग स्टाफ को ड्यूटी में लगा दिया। जिससे कोई मरीज लौट नही रहा है बल्कि सबका समुचित इलाज चल रहा है। यह माना जाता रहा है कि बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी अभिशप्त है। कुछ समय पहले एक ही कुर्सी में दो दो सीएमएचओ काबिज थे। कभी आर्थिक पावर को लेकर तो कभी सरकारी गाड़ी को लेकर ऐसा विवाद हुआ जिस के चर्चे मीडिया में काफी हुए। परंतु इस मामले में प्रदेश के यशस्वी स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव एवं नगर के संवेदनशील विधायक शैलेश पांडेय ने आम जनता की सुविधाओं को देखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए डॉ राजेश शुक्ला को सीएमएचओ बनाने का निर्णय लिया जो काफी सफल रहा। किसी भी अधिकारी की कार्यकुशलता संकटकालीन समय में दिखती है। और आज इस कहावत को डॉ राजेश शुक्ला चरितार्थ कर रहे है। और इसके ठीक विपरीत सिम्स के डीन डॉ के के सहारे हड़ताल पूर्व तैयारी करने के बजाए लगातार अनुपस्थित रहे। जब ये रायपुर में डीकेएस अस्पताल में थे तब इनके गैर डेकोरम क्रियाकलाप के कारण स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने हटा दिया था। इन्हीं सब लापरवाही के कारण सिम्स के तत्कालीन डीन डॉ तृप्ति नागरिया को भी हटा दिया गया था। जब पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल में है। तो सिम्स के डीन स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के बजाय कुछ खास महिलाओं को साड़ी बांटने का काम कर रहे हैं। (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क )