*कोटा सीडीपीओ कार्यालय में भर्ती घोटाला। प्रमाण मौजूद। सीडीपीओ सुरुचि श्याम राज आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में एक लाख एवं सहायिका भर्ती में ले रही है 50 हजार। ड्राइवर शाहिद अख्तर मैडम का है वसूली एजेंट : तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ ]*
बिलासपुर (20 सितंबर 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] सीडीपीओ सुरुचि श्याम राज चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में एक बड़ा नाम है। परंतु इनका क्रियाकलाप वर्तमान में काफी संदिग्ध है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अभी सभी सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने का आदेश दिया है। राजधानी में प्रतिदिन हाई लेवल मीटिंग कर भ्रष्टाचार के खिलाफ किए जा रहे कार्रवाइयों की समीक्षा की जा रही है। परंतु शासकीय विभाग में पदस्थ कुछ जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा बड़ी भर्ती में तो पैसा खा ही रहे हैं परंतु छोटी-मोटी भर्तीयो में भी नियुक्ति के नाम से जमकर वसूली करने की जानकारी आ रही है। ऐसा ही एक प्रकरण कोटा एकीकृत बाल विकास परियोजना के तहत आंगनवाड़ी सहायिका एवं कार्यकर्ता भर्ती में आ रही है। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम की जानकारी में आई है कि 10 सितंबर 2024 को शासन द्वारा आंगनवाड़ी सहायिका एवं कार्यकर्ता भर्ती हेतु द्वारा आवेदन हेतु नोटिफिकेशन जारी हुआ है। और नोटिफिकेशन जारी होते ही लेनदेन से पोस्टिंग कराने वाले दलाल सक्रिय हो गए है। यह तो हुई अलग बात परंतु सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शासन की जिम्मेदार पद चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट अधिकारी (CDPO) के पद पर बैठे अधिकारी ही इस भर्ती में लेनदेन करे तो गरीब प्रत्याशियों को न्याय कहां से मिलेगा? मामला कोटा के (CDPO) कार्यालय का है। वहां पदस्थ सीडीपीओ सुरुचि श्याम राज आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बनने के इच्छुक प्रत्याशियों से जमकर वसूली कर रही है। और इनका वसूली एजेंट उनका ही ड्राइवर शाहिद अख्तर है। ड्राइवर प्रतिदिन सुबह एवं शाम आसपास के गांव में जाकर सीडीपीओ मैडम सुरुचि श्याम राज का दबदबा बात कर एवं नियुक्ति की 100% गारंटी देकर महिलाओं से उगाही करके लाता है। और उसमें से कुछ परसेंट काटकर बाकी मैडम को दे देता है। साथ ही गांव में जाकर इन पदों हेतु नियुक्ति के लिए महिलाओं को ड्राइवर शाहिद अख्तर मोटिवेट करता है उनकी लिस्ट भी लाकर मैडम को देता है। हमारी न्यूज़ इन्वेस्टिगेशन टीम को जानकारी आई है कि सीडीपीओ मैडम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति के लिए एक लाख रुपए एवं सहायिका के नियुक्ति के लिए पचास हजार रुपए फिक्स किया है। अभी तक उनके पास कई लाख रुपए एकत्र हो गए हैं। हमारे पास इस पद हेतु रकम देने वालों की एक लिस्ट आई है। अब सवाल यह है कि यदि किसी कारणवश यह नियुक्ति निरस्त होती है तो प्रभावित महिलाओं को रकम कौन लौटाएगा ? सीडीपीओ मेडम या ड्राइवर? (ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेटवर्क न्यूज़ नेटवर्क)