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*प्रशासनिक अमले की घोर लापरवाही पितरों की विदाई में प्रदूषित एवं गंदे पानी में डुबकी नहीं लगा पाए श्रद्धालु। प्रशासन को कोसा। पूर्व नगर विधायक शैलेश पांडे के सुपर एक्शन से नदी का घाट भी बना था एवं अरपा हुई थी शुद्ध: तपन गोस्वामी [एडिटर इन चीफ]*

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बिलासपुर (02 अक्टूबर 2024) [तपन गोस्वामी द्वारा] अरपा नदी हमारे आस्था का प्रतीक होने के साथ ही बिलासपुर वासियों के लिए आन बान एवं शान का प्रतीक है। अरपा नदी में एक नजर पड़ते ही दिन भर की थकान एवं दुख दर्द दूर हो जाती है। परंतु आज का दिन पितरों की विदाई के साथ ही बंगाली समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि आज के दिन बंगाली समाज के लोग अपने प्रिय मृत पुण्य आत्मा को तर्पण कर उन्हें विदा देकर अपने भूल के लिए क्षमा चाहने के साथ ही घर एवं परिवार के सुख समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। और यह पूरी प्रक्रिया नदी के किनारे घाट में पुरोहित द्वारा संपन्न कराया जाता है। परंतु आज पूरे समाज के साथ ही वह भी दुखी हो गए जो अपने पितरों को विदा करने के पश्चात एक डुबकी लगाने अरपा नदी के घाट गए थे। वे प्रदूषित एवं गंदे पानी को देखकर सभी बिना डुबकी लगाएं वापस घर लौट गए। यह जिला प्रशासन एवं नगर निगम प्रशासन के लिए सोचने वाली बात है। राज्य शासन अरपा नदी के घाट के लिए प्रदूषण एवं स्वच्छ जल हेतु अरबों रुपए दिए थे। परंतु उस रकम से अधिकारियों के घर में कई टंकियां के साथ ही हाय सोफिस्टिकेटेड आर ओ प्लांट लग गए। जब शैलेश पांडे नगर विधायक बने थे तो उन्होंने सबसे पहले अरपा नदी में सुरक्षित घाट एवं अरपा के पानी को प्रदूषण हीन बनाने के साथ ही पानी को स्वच्छ करने का संकल्प लिया था। शैलेश पांडे के कड़े तेवर के कारण अधिकारी दिन रात मेहनत कर सुरक्षित घाट बना दिया था। एवं अरपा नदी का पानी भी स्वच्छ एवं साफ दिखने लगी थी। परंतु फिर वही प्रदूषण एवं गंदे पानी के बहाव से बिलासपुर के नागरिक के आस्था पर प्रहार हो रहा है। आज जब पितरों की विदाई एवं तर्पण करने लोग नदी घाट में गए और बिना डुबकी लगाएं वापस घर चले गए नागरिक प्रशासन में बैठकर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले अधिकारियों को काफी कोसा।(ब्यूरो रिपोर्ट जासूसी नजर न्यूज़ नेट वर्क)

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